तेरी चाहत मे पार्ट (21) Love story // hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story // story // Love kahani
Lovestory 21
"अद्वैत के बारे में क्या लगता है...??? का क्या मतलब??? तु यह कह रहा है की वह लड़का कैसा है???" आरव ने अपना पानी का ग्लास उठा लिया!! "हाँ मतलब.. तुम दोनों को देखकर लगता है तुम दोनों में अच्छी दोस्ती है!! वह अपने सिक्रेट शेयर कर रहा है तुमसे..!! तो हाँ... मैं जानना चाहता हूं!!" हर्ष ने अपनी कॉफी का कप नीचे कर लिया!!! अगर तुम यह जानना चाहते हो.. की मैं उससे पहले से मिला हूं या नहीं.. तो नहीं!! मैं उससे पहले नहीं मिला। जब वह इंटरव्यू के लिए कंपनी में आया था.. मैंने पहली बार उसे तभी देखा था!!! और हों.. कुछ सिक्रेट हैं उसके !! पर वह बस इसलिए की उसे जॉब की बहुत जरूरत थी !! और वह हमारी ही कंपनी में काम करना चाहता था!!"
आरवः: मैं समझ रहा हूं.. हर्ष तुम क्या कहना चाह रहे हो!!! तुम यह कह रहे हो की झूठ बोलकर भी उसकी कोई गलती नहीं!!!
हर्षः: कहाँ खो गए???? तुम ठीक तो हो!!!
आरवः: हाँ ठीक हूं!!!
दोनों खा पी कर घर चले गए !! बेला घर में अपने कंप्यूटर के सामने बैठकर
कोडिंग लिखने में लगी थी!!! जब उसकी मम्मी बाहर पानी पीने के लिए आई !! बेला को इतनी रात को कंप्यूटर के सामने बैठे देखकर उन्होंने पूछा.." तुम क्या कर रही हो बेला.. अब तक सोई क्यों नहीं??"
बेलाः: मम्मी यहाँ आइए!!! देखिए... यहाँ पर की बोर्ड पर कुछ भी टाइप किजिए!!! किजिए ना!!!
राधा जी ने टाइप किया!! तो कंप्यूटर स्क्रीन पर कुछ शब्द उभर आए !!! जिसमें लिखा था 'हैलो वर्ल्ड' राधा जी बेला के पास बैठ गई!! "ओह... यह कैसे किया तुमने??? कितना अच्छा लग रहा है!!! क्या तुमने इसे बनाया???" तभी मोहन जी भी वहाँ आ गए!!!" तुम दोनों इतनी रात को सोने की बजाय यह क्या कर रही हो???"
राधा जीः: सुनिए.. यहाँ आइए ना.. देखिए बेला ने क्या बनाया है????
मोहनः: जी वाह यह तो बहुत बढ़िया बना है!!
बेलाः; मम्मी पापा... यह कोडिंग लिखकर हम ऐसे ही गेम्स बनाते हैं।। जिसे लाखों लोग अपने मोबाइल पर खेलते हैं।। जब करने के लिए कुछ नहीं होता!! जब काम से धके हारे घर लौटते हैं.. तो गेम्स खेलते हैं!! उससे उन्हें सुकून मिलता है!!! यह हैलो वर्ल्ड एक प्रोग्राम है जिसे में बना रही हूं!!! मम्मी मुझे कंप्यूटर अच्छा लगता है!!! में यह नहीं कह रही की उसके ड्राबैक नहीं है!!! पर यह मेरा पैशन है!!! अगर आप मुझसे जबरदस्ती दुसरा काम करने के लिए बोलेंगी.. में वह दिल से नहीं कर पाउंगी !!! मैंने यह जॉब पाने के लिए बहुत मेहनत की है!! झूठ भी बोला है!!! और मैं इसे बीच में ही छोड़ दूंगी !!! तो मैं अपने आपको कभी माफ नहीं कर पाउंगी !!!
राधा जीः: लड़कियों का ऐसे कंप्यूटर को अपना करियर बनाना ठीक नहीं है बेला!!! मैं सिर्फ तुम्हारी भलाई चाहती हूं!!
बेलाः: लेकिन मम्मी.. मुझे मेरी जवानी और मेहनत बस इसी के लिए खर्च करनी है!! किसी और चीज के लिए नहीं!! मैं यह नहीं कह रही में इसमें परफेक्ट हूं!! पर जितना भी मुझे पता है.. मैं उसे बेहतर करने की कोशिश कर रही हूं!!! मम्मी किसी और के कहने पर नहीं!! पर अपनी बेटी पर भरोसा कर के मुझे एक मौका तो देकर देखिए !! अगर में ग़लत साबित हुई तो मैं खुद यह जॉब छोड़ दूंगी !!!
मोहन जीः: बच्ची सही कह रही है राधा!!! उसने बहुत मेहनत की है!! और अभी वह बड़ी हो चुकी है!! उसकी जिंदगी के फैसले उसे लेने दो !!! हम अब तक उस पर दबाव डालते रहेंगे!! मुझे मेरी बेटी पर पूरा भरोसा है!! वह कुछ अच्छा ही करेगी!!!
बेलाः: मम्मी प्लीज !!
राधा जी:: ठीक है!!! इस बार तुम मुझे गलत साबित कर के दिखाओ !!! फिर में कुछ नहीं कहूंगी !!
बेलाः: गले लगते हुए, थैंक यू मम्मी !!! में बहुत खुश हूं!!!
मोहन जीः: यह क्या सिर्फ मम्मी के गले लग रही हो... इसे समझाने के लिए सारी मेहनत तो मैंने की!!!
बेलाः: आपको भी थैंक यू पापा !!!
बेला ने मोहन जी के गले लगते हुए कहा!!! तभी उसकी मम्मी बोली पड़ी!! "लेकिन अब तुम्हें अपने रिलेशनशिप के बारे में भी सोचना चाहिए!! क्या तुम्हें कोई पसंद नहीं आया अब तक??? एक मिनट आज जो डायरेक्टर साहब आए थे!! वाह कितना अच्छा लड़का है वह !! इतनी कम उम्र में कंपनी का डायरेक्टर हैं!! तुम उसे डेट क्यों नहीं करती !!"
मोहन जीः: हाँ बेला ।। हम तुम्हारे रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं है!!! अब तुम्हें अपने पार्टनर के बारे में सोच लेना चाहिए!!!
बेलाः: और मुझे लगता है अब आपको सोने के लिए जाना चाहिए !!! जाइए!!!
राधा जीः: ठीक है!! ज्यादा देर तक जागना मत!!! गुड नाईट !!!
बेला ने एस कहते हुए खुद को शाबाशी दी।। उसने आखिर अपनी मम्मी को मना
लिया था!! दुसरे दिन जब सुबह हुई.. आज का दिन बेला के लिए बहुत स्पेशल हो
गया था!! मम्मी ने इस जॉब के लिए हाँ कर दी थी.. इसी खुशी में.. वह सबके लिए
कॉफी लेकर गई!!!
शेखर जी:: गुड मॉर्निंग अद्वैत!! तुम बड़े खुश लग रहे हो !! क्या बात है???
बेलाः: बात खुशी की है!! पर में नहीं बता सकता सिक्रेट है!!!
नैतिकःः यह हमेशा ऐसे करता है!!
प्रतीक :: चलो उठाओ इसे !!
बेलाः: अरे नहीं...!! कॉफी गिर जाएगी गर्म है!!!
तभी वहाँ आरव आ गया!! "नीचे उतारो उसे आरव के कहने पर सबने उसे
नीचे उतारा!! "क्या आपका काम खत्म हो गया शेखर जी???"
शेखर जीः: नहीं थोड़ा बचा हुआ है!!
आरवः: क्या तुम सबने रिपोर्ट बना दी!!!
सबने ना में सिर हिलाया !! तो आरव बेला के पास आ गया!! "तुम्हारी रिपोर्ट???"
बेलाः: मेरी रिपोर्ट बना गई है!!
सबने चौंककर उसकी तरफ देखा !!! आरव ने कहा "ठीक है.. चलो!! हमें कहीं जाना है!!!" दोनों को जाते देखकर शेखर जी ने कहा" आरव सर का मुड़ आज उखड़ा हुआ है!! वह कभी ऐसे बात नहीं करते??? पता नहीं अद्वैत के साथ क्या होने वाला है???" प्रतीक ने कहा भगवान बचाए उसे आरव सर से!!!" और बेला की लाई हुई कॉफी पर टूट पड़ा!!! सबने अपनी अपनी कॉफी ले ली!!! इधर आरव बेला के साथ कॉलेज चला आया था!!! बेला ने कार से नीचे उतरते ही कहा" हम कॉलेज क्यों आए हैं सर???
आरवः: तुम्हें पता चल जाएगा थोड़ी देर में!!!
बेला कुछ समझ नहीं पाई!! और आरव के पीछे चल दी!!! आरव आगे चल रहा था!! और वह पीछे पीछे !!! उसने आरव को पीछे से ना जाने कितनी ही बार देखा था कॉलेज में!!! पीछे से उसका हाथ पकड़ने का भी बहुत मन हो रहा था उसका !! पर वह हर बार दुसरे हाथ से अपने हाथ को पीछे कर लेती थी!!! जब पहली बार उसे इस कॉलेज में मिली थीं!! तब की बात उसे याद आ गई!! वह भागते हुए अपने कंप्यूटर क्लास के लिए जा रही थी।। और आरव अपनी बुक्स लिए आगे से आ रहा था!! उसकी तरफ देख बस देखती रह गई थी वह..!! कॉलेज के दो हँडसम लड़कों में से.. और फेमस लड़कों में से एक को वह देख रही थी!! और दुसरे हैंडसम लड़के से टकराई थी ध्यान होने की वजह से !! जिसका नाम हर्ष था!! उन्हें टकराते हुए देख आरव मुड़ गया था.. और हर्ष ने उसे आवाज लगाई थी!! "आरव रुको बार.. मैं भी आ रहा हूं!!" हर्ष को सॉरी बोल बेला लगातार आरव को देखें जा रही थी!! एक पोनी टेल.. हल्के नीले रंग की जींस.. और लोग कूर्ती के साथ खड़ी थी वह!! जो बहुत साधारण लग रही थी!! और आरव ने उसकी तरफ ध्यान तक नहीं दिया था !! देखना तो दूर की बात थी!!! वह हर्ष के साथ आगे बढ़ गया था.. और बेला उसके पीछे चल रही थी!! अपनी कंप्यूटर की क्लास छोड़कर जिसके लिए वह लेट हो रही थी!!! उसके बाद हर जगह आरव का पीछा करती फिरती थी वह !! कभी फुटबॉल ग्राउंड पर.. कभी स्विमिंग पूल पर!! और हाँ लाइब्रेरी में भी!! एक बार तो जब वह उसे छुपकर देख रही थी!! आरव अचानक उसके सामने से गायब हो गया !! और वह उसे यहाँ वहाँ देख रही थी!! आरव ने उसके आगे आते हुए एकदम से कहा था!!! "तुम क्यों
मेरा पीछा कर रही हो???" तब उसने चेहरा छुपाने के लिए अपनी बुक्स चेहरे के आगे पकड़ ली थी!!! हैलो सिनियर.. मेरा नाम.......!!" आरव ने बीच में ही अकडकर कहा था.. "मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है तुम्हारा नाम जानने में.. अब मेरा पीछा मत करना!!" फिर भी बेला दिवानी हो गई थी उसके पीछे!!
आज कॉलेज के उन्हीं रास्तों पर चलते हुए उसे सबकुछ याद आ रहा था!! और उसके होंठों पर एक लंबी मुस्कान थी।। जिसे देखकर आरव ने कहा.." क्या हुआ.. जल्दी चलो !! और किस बात पर हंसी आ रही है तुम्हें????" कुछ नहीं कहकर वह आरव के पीछे चल दी!!! कितने प्यारे दिन थे!! कितनी खुबसूरत यादें थीं. जिन्हें उसने अभी अभी याद किया था!!! "मुझे बहुत अच्छा लग रहा है सर..!! हम हमारे कॉलेज आए हैं!! तब आप मेरे सिनियर थे!!"
"तुम्हें और अच्छा लगेगा.. जब हम जहाँ जा रहे हैं वहाँ पहुंचेंगे तब!!!"
* वैसे कहाँ जा रहे हैं हम???"
" प्रोफेसर मानकर के पास"
"क्या?????"
बेला कहते हुए नीचे बैठ गई!!! प्रोफेसर के सामने जाते ही मेरा भांडा फूट जाएगा!! प्रोफेसर मुझे पहचान लेंगे और आरव मुझे कंपनी से निकाल देगा!! सब सोचकर वह जोर से चिल्लाई!! आह........!! आह.....!
आरवः: क्या हुआ तुम्हें??? तुम नीचे क्यों बैठ गए???
बेलाः: मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है।। मुझे नहीं जाना..!!! प्रोफेसर से कहिए.. हम
उनसे बाद में मिल लेंगे !!!
आरवः: अचानक कैसे किसी का पेट दर्द कर सकता है!!
बेलाः: वह मेरी पूरानी बिमारी है.. किसी भी वक्त दुखना स्टार्ट हो जाता है!!!
आरवः: तो प्रोफेसर के पास चलो !! वह कोई मेडिसिन दे देंगे!! आई एम श्योर
उनके पास होगी कोई !!
बेलाः: नहीं मेरे लिए बस कोई ड्रिंक ले आइए.. और कुछ नहीं!!
कहते हुए बेला ने आरव का हाथ कसकर पकड़ लिया था!! जैसे उसे प्रोफेसर
के पास जाने के लिए रोक रही हो !! आरव ने उसे घूरा.." जब तक हाथ
नहीं छोड़ोगे ड्रिंक कैसे लाऊंगा???" बेला ने झट से हाथ छोड़ दिया!!! दोनों कॉलेज के नर्सरुम में आ गए!! बेला ने अपनी पेट दर्द की एक्टिंग जारी रखी थी!! नर्स ने कहा "कहाँ दर्द हो रहा है??? बेला ने कहा.. "मेरे पेट में!!"
आरवः: क्या प्रोफेसर मानकर को बुला सकती हैं आप???
नर्सः: नहीं!!!
आरवः: क्यों??
नर्सः: क्योंकि वह एक प्रोफेसर से मिलने अभी अभी बाहर गए हैं!! वह इतनी जल्दी लौटकर नहीं आएंगे!!
बेला ने राहत की सांस लीं।। और आरव की तरफ देखकर कहा.. "कोई बात नहीं.. हम फिर कभी आ जाएंगे!! आज की टाइमिंग ही गलत है!!!"
आरव वहाँ से बाहर चला गया!!! और आरव के जाते ही बेला ने प्रोफेसर को मैसेज सेंड कर दिया !!" प्रोफेसर आज मुझे बचाने के लिए शुक्रिया!! में आपको सब बाद में बताऊंगी !!" प्रोफेसर का भी ओके वाला मैसेज आ गया !!!
शाम को जब बेला घर पहुंची!! तब निशा को फोन आ गया!! निशा ने.. फोन रिसीव किया !! तब सामने से उसे किसी इवेंट के लिए बुलाया गया!! निशा अपना कोई कॉस्ट्यूम बना रही थी।। उसे छोड़कर वह कूदने लगी !!! "येई..... मुझे ऑफर मिला है बेला!!! मैं बहुत खुश हूं!! कल मुझे पैसे कमाने का मौका
मिलेगा!!"
बेलाः: प्लीज़ में तेरे हाथ जोड़ती हूं.. इस बार मुझे बक्ष देना !!
निशाः: रोते हुए, अहसान फरामोश.. धोखेबाज... चालबाज... मैंने हमेशा तेरी एक
दोस्त समझ कर मदद की.. और. आज.... और आज जब मुझे तुम्हारी जरूरत है
तो तुम अपने वादे से मुकर गई!! ऐसा लग रहा है यह सारे वर्ड भगवान ने तुम्हारे
लिए बनाएं हैं।।
बेलाः: हो गई एक्टिंग की दुकान चालू !!! उफ्फ मुझे इन सब लोगों से छुटकारा कब
मिलेगा!! निशा रानी मेरे पास कोई ड्रेस नहीं है!!!
निशाःः तु भूल गई!! मैंने तुझे पनिशमेंट के वक्त वाइट ड्रेस दी थी पहनने के लिए!!!
उसका लूक बहुत अच्छा है।। तु वही पहनकर मेरे साथ चलेगी!!! वह तुझ पर बहुत
सुट भी करती है।।
बेलाः: वहाँ आरव ने परेशान कर रखा है!! और यहाँ तु जान खा रही है!!! किसी तरह से मम्मी से छुटकारा मिला था!! अब मैं क्या करूं???
निशाः: कुछ मत कर मेरे साथ चल!! कल बहुत मज़ा आने वाला है!!
बेला ने एक ठंडी आह भरी और जाकर सो गई।। दुसरे दिन छुट्टी थी तो बेला निशा के साथ तैयार हो कर.. इवेंट पर चली गई!! बेला ने वही ड्रेस पहनी थी।। और वाइट मास्क लगाया था!! निशा भी अपना कॉस्ट्यूम पहन कर आई थी!! वहाँ तरह तरह के लोग आए थे!! जिन्होंने एक से बढ़कर एक पोषाखें पहनी थी!!! निशा उन सबकी तरफ ध्यान से देख रही थी !!! सब उसे.. बहुत अच्छे नजर आ रहे थे!!! तभी बेला की नजर सामने से आ रहे... अपने कलिग्स की तरफ गई!! जो बेला को देख वहाँ आए थे!!
प्रतीकःः यह तो अद्वैत है ना।। उसने हमारी पनिशमेंट के वक्त ऐसा ही ड्रेस पहना था!!
शेखर जीः: अरे हाँ!! यही तो था!!! चलो उससे चलकर पूछते हैं.. वह अपनी छुट्टी के दिन यहाँ क्या कर रहा है!!!
नैतिकः: लेकिन वह गया कहाँ??? अभी तो यहीं था!!!
सब बेला को ढूंढने लगे।। जो निशा के पीछे छुप गई थी!!! निशा ने उसे अपनी
ड्रेस के पीछे छुपते देख कहा "यह क्या कर रही हो तुम??! यह भी कोई छुपने की
जगह है???" बेला ने उसे सीधा खड़ा किया और कहा.. "यार यह मेरे ऑफिस के
लोग हैं!! यहाँ भी पहुंच गए !!! अब में क्या करूं??? वह लोग तो यहीं आ रहे हैं??"
बेला निशा के पीछे से निकलकर आगे की तरफ भागी !! और किसी से टकरा गई!!
सामने खड़े शख्स को देखकर उसके होश उड़ गए !!!
Thanks friends
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