तेरी चाहत मे पार्ट (12) hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love story, Love kahani
Lovestory 12
बेला सबके जाने के बाद चेंज कर रही थी!!! लड़कों का चेंजिंग रुम देखकर हर्ष उस तरफ आया था!! वहाँ जाते ही.. किसी लड़की को उसकी तरफ पीठ कर के खड़े देखा उसने !! और वह जल्दी से पीछे मुड़ गया !!! किसी के बुलाने पर जब बेला ने कहा.. "आ रहा हूं...!!!" तो हर्ष उसकी आवाज पहचान गया !!! और छुप गया !! बेला स्विमिंग पूल की तरफ गाउन पहनकर चली गई!!! उसने देखा भी नहीं की कोई वहाँ है!!! हर्ष यह सब याद कर के वर्तमान में लौट आया!!" इसका मतलब अद्वैत एक लड़की है!! और वह यहाँ आरव की वजह से लड़का बनकर जॉब कर रही है!!! आरव को पता चला तो वह बहुत नाराज़ होगा!! अब मुझे क्या करना चाहिए??? मुझे लगता है मुझे अद्वैत को पूछना पड़ेगा.. वह क्यों ऐसा कर रही है.. रहा है..??? क्या कहूं...??? उफ्फ.. यह तो बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई!! कहीं मेरे मुंह से ही कुछ उल्टा पुल्टा ना निकल जाए..!!"
हर्ष सोचते हुए अपने रुम की तरफ चला गया!! बेला साइकल चलाते हुए मेडिकल की खोज में निकल पड़ी थी!! मोबाइल पर मैप में आस पास के मेडिकल ढूंढते हुए वह एक मेडिकल के पास पहुंच गई!! पर कोई फायदा नहीं हुआ!! मेडिकल बंद था!! बेला अब फिर दुसरी मेडिकल ढूंढने लगी..!! जो यहाँ से एक किलोमीटर की दूरी पर थी!! बेला यहाँ आते आते ही थक चुकी थी!! अब एक किलोमीटर और जाना था उसे!! पर उसने हार नहीं मानी.. आखिर सवाल
आरव की हेल्थ का था!! वह निकल पड़ी!! एक किलोमीटर तक साइकिल चलाने के बाद उसे मेडिकल दिखाई दिया !! उसने नेक पेन की दवाई ली.. और क्रीम!!! पेमेंट कर जब वह बाहर आई.. तब थकावट के बावजूद उसके चेहरे पर सुकून था!! सुकून इस बात का की आरव को अब और दर्द नहीं होगा।। सुकून इस बात का की अब उसकी गर्दन ठीक हो जाएगी!! उसे कुछ राहत मिलेगी!! सुकून इस बात का अब वह उसे आराम से सोते हुए देख पाएगी !!! उसका अब साइकिल चलाने का बिल्कुल मन नहीं था!! पैर दर्द करने लगे थे उसके !!! वह पैदल ही चल रही थी।। रात काफी हो चुकी थी.. तो उसने फिर साइकिल चलाना शुरू कर दिया!!! जब वह होटल पहुंची... तब जाकर उसे अच्छा महसूस हुआ!! वह साइकिल रखकर अपने रुम की तरफ चली गई!!! एक रुम में रहने के बावजूद उसने अब तक आरव को पता नहीं चलने दिया था की वह लड़का नहीं लड़की है!! वह जैसे ही दरवाजा खोल कर अंदर आई!! आरव ने कहा " तुम्हें यह तो पता है ना की कहीं जाने के समय पर किसी को बताकर जाना चाहिए.. की कहाँ जा रहे हो???"
"सॉरी में जल्दी जल्दी में भूल गया!! अगली बार जरूर.. ऐसा नहीं
करूंगा!!"
" वैसे तुम इतनी रात को गए कहाँ थे????"
* में मेडिकल में आपके लिए यह क्रीम लाने गया था!! पास वाला बंद था, तो दूर जाना पड़ा और उसी चक्कर में देर हो गई!!!"
" तुम मेरे लिए क्रीम लाने के लिए गए थे इतनी दूर??? तुम्हें कैसे पता.. मेरी गर्दन में दर्द है???"
"ऑफिस में कई बार आपको गर्दन को मोड़ते हुए देखा था!! तभी समझ गया था की आपकी गर्दन में दर्द हो रहा है!! और यहाँ भी आपको काम करते वक्त तकलीफ हो रही थी.. इसलिए... यह लाने चला गया!! में क्रीम लगा हूं???"
हम्म..!!!"
बेला क्रीम लगाने के लिए आरव की कॉलर को नीचे करने लगी।। तो आरव को ऐसे लगा जैसे किसी लड़की ने छुआ हो!!! वह एक बार के लिए चौंक गया !! और उसकी तरफ मुड़ गया!!! बेला ने हैरानी से पूछा "क्या हुआ???"
'कुछ नहीं!! ऐसे लगा जैसे.....!! छोड़ो वह बात !! यह काम करेगी ना!!!"
"बिल्कुल,, उस मेडिकल वाले ने कहा था यह पावरफुल है!! थोड़ी ही देर में असर शुरू कर देगी!! आपको कुछ महसूस नहीं हो रहा???"
" नहीं!!! पता नहीं कैसे पर लग रहा है.. कुछ असर नहीं हो रहा !!"
* तो मैं मसाज कर दूं???? आपको आराम मिलेगा!!!"
तुम्हें मसाज करना आता है???? कभी किया है???"
" हाँ!! इसमें कोई पहाड़ खोदना थोड़ी होता है।। बस ऐसे गर्दन की तरफ कांधे की तरफ हाथ रखना है.. और सही भार लेकर दबाना है!!! आपको अच्छा लग रहा है ना..???"
* अच्छा लग रहा है!!!"
आरव ने कहा तो दिया !! पर उसका ध्यान बेला के हाथों की तरफ था!! उसकी पतली उंगलियां.. और नर्म मुलायम हाथ... एक लड़के के हाथ.. ऐसे कैसे हो सकते हैं??? और तो और.. मुझे अजीब सी फीलिंग क्यों होती है इसके पास रहने पर।। सोचते हुए आरव उसके दोनों हाथों को.. कभी गर्दन इधर मोडकर या कभी उधर मोडकर देखने लगा !!! बेला इस बात से अंजान हो कर उसे अच्छे से मसाज दे रही थी!!! आरव ने सामने टेबल पर पड़ी.. शैंपेन की बोतल उठा ली !! और इस फीलिंग को कम करने के लिए पीना शुरू किया !! वह बहुत पी चुका था..!! और बेला मसाज दे कर थक चुकी थी !! उसने सामने आते हुए आरव से कहा.. "मि. आरव अब आपको सोना चाहिए!!!"
आरवः: नशे में, तुम कौन हो??? और यहाँ क्या कर रहे हो???
बेलाः: शैपेन...!! शैंपेन पी कर ही इन्हें नशा हो गया!! तभी ऐसे बातें कर रहे हैं!!!
सर में अद्वैत..!! हम साथ में यहाँ आए थे!! मैं आपके साथ रुका हुआ हूं!!!
आरवः: अच्छा...!!! तो मुझे पता क्यों नहीं है??? जाओ तुम यहाँ से!! मुझे सोना है।
बेलाः ओह नो..!! अब क्या करूं??? मि. आरव आप यहाँ नहीं सो सकते !! बेड पर
जाकर सोइए !!.. चलिए मैं आपको लेकर चलता हूं!!
आरवः: रोते हुए, मुझे गोदी उठाओ !!! मुझे गोदी उठाओ !!!
बेलाः: हे भगवान कहाँ फंस गई??? मेरे ही साथ सारी गड़बड़ क्यों हो जाती है???
आरवः: गोदी लो...!! गोदी लो..!!
बेला ने बड़ी मुश्किल से आरव को एक साइड से पकड़कर खड़ा किया।। और
बेड की तरफ ले जाने लगी !!!
इधर आलिया अपने घर आ चुकी थी!!! उसके पापा बाहर बैठे अखबार पढ़
रहे थे!! "सिनियर शेखावत में आ गई!!!" उसने चिल्लाते हुए कहा !!
सुशांत जीः: आवाज कम करो.. शैतान !! तुम्हारी मम्मी को बड़ी मुश्किल से सुलाकर आया हूं!!
आलियाःः क्यों सिनियर शेखावत ??? कुछ हुआ है क्या???
सुशांत जीः: यह सब उस आरव की ग़लती है??? मेरी बीवी को परेशान करता रहता है!! उसी की वजह से वह रो रही थी!!
आलियाः: सिनियर वह वैसा नहीं है जैसा मम्मी सोच रही थी!! हर्ष एक असली मर्द है!! वह किसी मर्द के साथ नहीं है!!
सुशांत जीः: तो तुम कहना चाहती हो.. तुम्हारा भाई.." वैसा" है हर्ष नहीं!!
आलियाःः नहीं सिनियर.. जुनियर भी वैसा नहीं है!! वह तो बस मम्मी की डेट मीटिंग से बचने के लिए उसने किसी लड़के को गले लगा लिया होगा !! और किसी ने उसे गलत समझ लिया होगा!!! और इस बात की अफवाह फैला दी की मेरा भाई ग...... है!!!
सुशांत जीः: तो यह पता कौन करेगा हाँ!! की तुम्हारा भाई वैसा है या नहीं???
आलियाः: अब किसी को तो करना पड़ेगा.. ना सिथियर !!! इतनी रात हो गई है!! कोई इतनी दूर कैसे जाएगा भला??
सुशांत जीः: एक ब्रांड न्यू कार के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है????
आलियाः: बहुत अच्छा ख्याल है!! मैं अभी निकलती हूं!! बस मेरी कार को मत भूलना पापा!!
सुशांत जीः: जब कुछ चाहिए होता है तब तुम्हारे मुंह से पापा सुनने को मिलता है शैतान !!
आलियाः: फैमिली प्रोब्लम है!!! इतनी आसानी से यह आदत छूटेगी नहीं!! में चलती हूं!!!
आलिया वहाँ से जहाँ आरव रिसॉर्ट गया था!! वहाँ निकल पड़ी!! अपनी कार
में लाउड म्यूजिक लगाकर वह गाते गुनगुनाते हुए सुबह वहाँ पहुंच चुकी थी!!! वह
वी आई पी गेस्ट थी!! होटल के मैनेजर से अपने भाई के रूम की मास्टर की लेकर
वह जैसे ही रूम में दाखिल हुई.. चिल्लाकर बाहर भागी!! अंदर बेला और आरव
को एक ही बिस्तर पर सोते हुए देख लिया था उसने !! माय मिस्टेक.. एक लड़के के
आ गया!!
आरवः: त... तुम यहाँ क्या कर रही हो.. आलिया ???
आलियाः: मैं तो तुमसे मिलने आई थी!! पर यहाँ तो कुछ और ही हो रहा है।।
आलियाः: इस बार सिनियर शेखावत ने क्या देने का प्रोमिस किया है???
आलियाः: कार...!!!! अबबब... जुनियर.. यह तुम सही नहीं कर रहे!! मम्मी तुम्हारी वजह से नींद की गोलियां खा रही है!! और तुम यहाँ...??? इसका मतलब वह अफवाह नहीं थी!!
आरवः: जैसा तुम सोच रही हो.. वैसा नहीं है।। वह लड़का मेरी कंपनी में काम करता है!! और हम दोनों को रुम शेयर करना पड़ा.. बस!!
आलियाः: ठीक है तो मुझे उससे मिलना है!!
आलिया ने अंदर जाते हुए कहा.. तो आरव ने उसे रोक दिया !!" नहीं..!!! वह अनकंफर्टेबल महसूस करेगा!! तुम अंदर नहीं जा सकती!! "
"तो तुम यह कह रहे हो की.. तुम उसे डेट मीटिंग से छुटकारा पाने के लिए यूज कर रहे हो।। मुझे पता था।। अगर तुम चाहते हो की मैं अपना मुंह बंद रखूं, तो तुम्हें मुझे पैसे देने होंगे!!"
"इतने सारे पैसों का करती क्या रहती हो तुम????"
"पार्टी भाई.. पार्टी !!! पार्टी का मजा तुम नहीं समझोगे !! धीरे धीरे सिनियर जो होते जा रहे हो!!"
आलू की बच्ची तुने मुझे सिनियर कहा !!"
आरव ने उसे पकड़ते हुए कहा !! तो आलिया ने कहा. " मैं जा रही हूं.. और सिनियर शेखावत और मम्मी को सब बता दूंगी !!"
"अच्छा ठीक है!!! तुम्हें मेरी कंपनी जॉइन करनी थी ना???? तुम जॉइन कर सकती हो!!!"
आलिया की आंखें चमक उठीं!! उसे इतनी खुशी हुई की वह कूदने लगी !!"
येई.... अब मैं भी कंपनी में काम करूंगी!! हर्ष के साथ रहूंगी !! आलिया सब अपने
मन में कहकर खामोश हो गई।। दोनों भाई बहन इस बात पर डिस्कशन करते हुए
वहाँ से रूम में आए !! रुम में.. वह लड़का नहीं था जो थोड़ी देर पहले आलिया को
दिखा था!! यह कहाँ गया.. सोचते हुए आरव रुम में उसे ढूंढने लगा!!!
बेला ब्रेकफास्ट के लिए बाहर आ गई थी!! कॅफेटेरिया में बैठकर वह कुछ खाने के लिए ऑर्डर कर रही थी!! की हर्ष उसके पास आकर बैठ गया!! "अद्वैत तुम क्या खाना चाहते हो.. मैं लेकर आता हूं!!"
बेलाः: सर उसकी जरूरत नहीं है!! में लेकर आता हूं!!
हर्षः: तुम ठीक से सोए थे ना???
बेलाः: आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं सर!! मैं ठीक से ही सोया था!!
हर्षः: क्योंकि कल कुछ मैंने गलती से ऐसा कुछ देखा.. जो मुझे नहीं देखना चाहिए था!!
बेलाः: आप किस... ??
आलिया ने हर्ष की तरफ बढ़ते हुए कहा.. "हर्ष में बहुत खुश हूं. सुबह सुबह तुमसे मिल रही हूं!! गुड मॉर्निंग!!" आरव भी आलिया के साथ ही वहाँ आया था!! बेला को बैठे देखकर वह भी उसके पास बैठ गया !! हर्ष ने जब बेला से पूछा. "अद्वैत तुम क्या खाना चाहते हो???" तो बेला की जगह आलिया बोल पड़ी!! "तुम उसके लिए क्यों खाने के लिए लेकर आओगे!! यह हमारा एंप्लॉई है!! उसे हमारे लिए लेकर आना चाहिए !!"
आरवः: अद्वैत जाओ.. मेरे लिए कुछ खाने को लेकर आओ!!
आलियाः: हर्ष तुम मेरे लिए कुछ लेकर आओगे प्लीज...!!
आलिया ने कहा तो हर्ष मना नहीं कर पाया!! आखिर वह आरव की बहन थी!!
वह और बेला साथ में डिश लेने के लिए चले गए !!
Thanks friend all flow
#hindikahani, #hindistory, #kahani, #kahaniya, #Lovestory, #stories, #storyinhindi
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें