मोहब्बत है सिर्फ़ तुम से पार्ट (296)/ hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love story, Love kahani
तीन दिन बाद
श्लोक और अमीषी ने तीनों को एक-एक बुगाटी कार, अमीषी ने मुम्बई में स्मृति
के लिए घर की बात की तो श्लोक ने तीनों को मुंबई में एक-एक घर गिफ्ट किया और हनीमून की टिकटें भी। रूही को हमेशा से थाईलैंड घूमना था तो उसके लिए थाईलैंड की टिकटे, स्मृति को मालदीव घूमना था तो उसके लिए मालदीव की टिकटें और डैनी के लिए बैंकॉक की टिकटें।
आज तीनों जोड़ा अपने अपने हनीमून के लिए दस दिनों की छुट्टी पर चला गया था। पर डैनी श्लोक से साफ कहकर गया था कि अगर उसे (श्लोक) उसकी (डैनी) थोड़ी सी भी जरूरत महसूस हो तो उसे बेझिझक बताए।
आज रविवार का दिन था। इसलिए श्लोक भी आज घर पर ही था।
अभी श्लोक की एक ऑनलाइन मीटिंग चल रही थी। अपने स्टडी रूम में किंग साइज कुर्सी पर बैठा श्लोक कैजुअल टीशर्ट और लोअर पहने मीटिंग कर रहा था। पर उसने अभी भी अमीषी को अपनी गोद में बैठा रखा था। अमीषी के जिस्म पर अभी एक भी कपड़ा नहीं था और वो पूर्णतः निर्वस्त्र थी। लैपटॉप के कैमरे में बस श्लोक का चेहरा ही नजर आ रहा था। श्लोक के चौड़े सीने पर अमीषी अपना छोटा सा सिर टिकाए हुए ऐसे ही आंखें बंद करके लेटी हुई थी और श्लोक अपना एक हाथ धीरे धीरे अमीषी के मक्खन से भी मुलायम शरीर पर फेर रहा था। श्लोक की मीटिंग की वजह से अमीषी बहुत बोर हो जाती थी पर श्लोक फिर भी अमीषी को अपने गोद से उतारता नहीं था।
करीब एक घंटे बाद श्लोक की मीटिंग खत्म हुई। मीटिंग खत्म होते ही श्लोक ने लैपटॉप बंद कर एक साइड किया और प्यार से अमीषी के माथे पर हाथ फेरने लगा।
"हे प्रिंसेस ! डिड यू स्लिप?" बड़े प्यार से श्लोक बोला।
श्लोक की बात सुनकर अमीषी ने डाट से अपनी आंखें खोल ली और श्लोक की गोद में सीधी होकर बैठ गई।
"कितनी बोरिंग मीटिंग्स होती है आपकी? आप बोर नहीं होते! आपने कहा था कि आज आप मुझे घूमाने ले जाएंगे। पर आपको अपनी स्टूपिड मीटिंग से फुर्सत मिले तो ना!" शिकायत करने के लहजे में अमीषी बोली।
अमीषी की बात सुनकर श्लोक मुस्कुराने लगा। उसने अमीषी के कमर पर हाथ रखकर उसे बिल्कुल अपने करीब कर लिया और उसके गर्दन पर अपनी गर्म सांसें छोड़ता हुआ बड़े ही सर्द आवाज में बोला "बाहर घूमने की क्या जरूरत है? यहीं रोमांस करते हैं ना" श्लोक बोला और अमीषी के गर्दन को बड़े प्यार से सक करने लगा।
ब्लोक के स्पर्श से अमीषधी के पूरे बदन में सिहरन सी होने लगी। पर उसने तुरंत खुद को संयत किया और श्लोक को खुद से दूर करते हुए "नहीं। मुझे जाना है। जाना है। मतलब जाना है।" जिद करती हुई अमीषी बोली।
अमीषी की बात सुनकर श्लोक मुस्कुराने लगा। "ओके! दो च्वाइस हैं तुम्हारे पास। आज घूमने जाना है या कल प्री वेडिंग सूट के लिए लंदन चलना है।" मुस्कुराता हुआ श्लोक बोला। दरअसल श्लोक को बिजनेस के काम से लंदन जाना था इसलिए उसने वहीं प्री वेडिंग सूट का प्लान बनाया।
प्री वेडिंग सूट और लंदन जाने की बात सुनकर अमीषी तो खुशी से चहक उठी। "वाऊ! लंदन ! मुझे लंदन जाना है!" अमीषी जोर से चिल्लाती हुई बोली।
"हां तो! अभी रोमांस करते हैं।" मुस्कुराता हुआ श्लोक बोला और फिर से अमीषी के गर्दन को सक करने के लिए झुका पर अमीषी ने अपने दोनों छोटे हाथ श्लोक के सीने पर रखकर श्लोक को रोक दिया।
"कल लंदन जाना है ना! तो मुझे शॉपिंग करनी है अभी! चलिए!" ऑर्डर देने के लहजे में अमीषी बोली।
अमीषी की बात सुनकर श्लोक का मुंह बन गया। "पहले थोड़ा सा प्यार करते हैं ना!" मासूम चेहरा बनाकर श्लोक बोला और फिर से अमीषी के गर्दन की तरफ झुकने लगा पर अमीषी ने फिर से अपने हाथ श्लोक के सीने पर रखकर उसे रोक दिया।
"नहीं! मुझे शॉपिंग पर जाना है तो जाना है! मैं और कुछ नहीं जानती !" अमीषी जोर से चिल्लाती हुई बोली।
अमीषी की बात सुनकर श्लोक का चेहरा उतर गया। वो समझ गया अमीषी बिना शॉपिंग पर गए नहीं मानने वाली। श्लोक मन मारकर अमीषी को गोद में लेकर उठा और क्लोजेट में चला गया।
इसी तरह समय बीतता गया। श्लोक अमीषी को लेकर लंदन, थाईलैंड, जेनेवा जैसे देशों में अपने बिजनेस के काम से घूमता और साथ में ही समय निकालकर प्री वेडिंग सूट भी करवाता रहा। प्री वेडिंग सूट के लिए श्लोक ने वर्ल्ड बेस्ट फोटोग्राफर को हायर किया था पर यहां बात उसकी प्रिंसेस की थी इसलिए उसने फीमेल टीम को ही हायर किया था। अमीषी तो चहककर प्री वेडिंग सूट करवाती। ये सब उसके सपने जैसा था। उसने जैसी शादी सोची थी उसकी शादी बिल्कुल वैसी ही हो रही थी। पहाड़, झील, समंदर, जंगल हर खूबसूरत लोकेशन पर अमीषी ने अपना प्री वेडिंग सूट करवाया था। बीतते वक्त के साथ मानों दोनों का प्यार और गहरा होता जा रहा था।
धीरे धीरे वक्त बीता और वो समय भी आ गया जब दोनों की हल्दी होने वाली थी। अमीषी चाहती थी कि उसकी शादी किसी पैलेस से हो। इसलिए श्लोक ने शादी के
लिए अपना ननिहाल चुना था। जयपुर के पैलेस से दोनों की शादी थी। वैसे भी इन सबका इकलौता वारिस तो श्लोक ही था। पंद्रह साल की उम्र में ही श्लोक का राज्याभिषेक हो गया था। अमृता और पृथ्वी दोनों ने श्लोक को अपना उत्तराधिकारी बनाया था।
अमीषी अपनी शादी के लिए बहुत एक्साइटेड थी। झील के बीचों एक खूबसूरत पैलेस में इनकी शादी की सारी रस्में होने थी। गुरूजी स्वयं इन दोनों की शादी करवाने वाले थे। गर्ग फैमिली के सारे रिश्तेदार और ओबेरॉय फैमिली के सारे रिश्तेदार पहुंच चुके थे। सारे इंतजाम देखकर तो सबकी आंखें चौंधिया रही थी। ऐसा कुछ उन्होंने फिल्मों में भी नहीं देखा था। जाने कितना खर्चा किया था श्लोक ने इस शादी में। सब बस खर्चे का अनुमान ही लगा रहे थे। अमीषी की दादी भी आई थी, वैसे तो वो अमीषी को यहां भी खरी-खोटी ही सुनाने आई थी पर यहां सबकुछ देखकर उनकी आंखें भी चौंधिया गई थी। अमीषी की किस्मत देख उनसे कुछ कहते ना बना।
पूरी दुनिया में श्लोक ओबेरॉय की शादी के चर्चे थे। मीडिया तो जैसे किसी मधुमक्खी के छत्ते की तरह पैलेस के आसपास जमा हो गई थी। सिक्योरिटी का बहुत टाइट इंतजाम किया गया था। बड़े बड़े नेता, सेलिब्रिटी, बिजनेसमैन सब इस शादी में शिरकत करने वाले थे। ये एक ऐसी शादी होने वाली थी जो किसी ने ना तो पहले कभी देखी थी और ना ही सुनी थी। इस शादी में कुछ रूल और रेगुलेशन थे जो सबको फॉलो करने थे।
महल के एक कमरे में अमीषी अपने हल्दी के लिए तैयार हो रही थी। उसके पास उसकी दोनों बहने, सुनंदा और रूही और कंचन थी। वहीं वर्ल्ड की बेस्ट मेकप आर्टिस्ट उसका मेकअप कर रही थी। अमीषी के सारे आउटफिट अमृता ने खुद डिजाइन किए थे। अमीषी के चेहरे पर एक अलग ही खुशी दिखाई दे रही थी। अमीषी ने अपनी नई कॉलेज फ्रेंड काजल को भी अपनी शादी में बुलाया था
ये शादी राजशाही अंदाज में होने वाली थी इसलिए अमीषी के कपड़े भी राजपूताना ही थे। अमीषी के राजपूताना कपड़ों को देख श्लोक को तसल्ली हुई क्योंकि अमीषी अब मीडिया के सामने पूरे कपड़ों में जाने वाली थी। नहीं तो अमीषी को तो मॉर्डन कपड़े ही पसंद आते थे। पर अमीषी पूरी रीति-रिवाज से शादी करना चाहती थी इसलिए उसने कपड़ों को लेकर कोई सवाल नहीं किया। अमृता ने जो कपड़े दिए उसने पहन लिए।
अमीषी ने आज हल्दी के लिए पैलो कलर का राजपूताना लहंगा पहना था और मैचिंग ज्वेलरी, चेहरे पर लाइट मेकअप, जिसमें अमीषी हमेशा की तरह बहुत क्यूट और खूबसूरत लग रही थी। श्लोक भी राजपूताना स्टाइल में थेलो कुर्ता और पाजामा पहना था जिसमें वो हमेशा की तरह बहुत हैंडसम लग रहा था।
बाहर झील के बीचों बीच खुले आसमान के नीचे हल्दी के लिए एक खूबसूरत सा
मंडप सजा हुआ था। आमने-सामने बैठने के लिए दो खूबसूरत फ्लावर के बैठक थे जिसमें बैठकर हल्दी होनी थी।
अमीषी और श्लोक आकर मंडप में आमने-सामने बैठ गए। पहले श्लोक को हल्दी लगनी थी, उसके बाद अमीषी को। अनिका ने हल्दी का कटोरा उठाकर अमृता की ओर बढ़ाया और "अपने बेटे को हल्दी लगाकर हल्दी की रस्म शुरू करो अमृता।"
अनिका की बात सुनकर अमृता मुस्कुराने लगी। उसने अनिका के हाथ से हल्दी का कटोरा ले लिया और अनिका की ओर बढ़ाते हुए "मुझसे पहले श्लोक तुम्हारा बेटा है! इसलिए श्लोक को सबसे पहले हल्दी तुम लगाओगी!"
अमृता की बातें सुनकर श्लोक मुस्कुराने लगा। बाकी लोग भी मुस्कुराने लगे।
अमृता की बातें सुनकर अनिका की आंखें भर आई। उसने मुस्कुराते हुए हल्दी लिया और श्लोक के गालों पर लगा दिया। उसके बाद अमृता ने हल्दी लगाया। फिर बाकी लोगों ने। श्लोक चुपचाप बैठा हुआ था। अमृता और अनिका श्लोक को इस तरह शांति से रस्म करवाते हुए देख हैरान थी। जिन चीजों से श्लोक को एक वक्त में चिढ़ हुआ करती थी, आज वही चीजें श्लोक को खुशी दे रही थी। वो दोनों जानती थी कि ये सब अमीषी के प्यार का असर है।
श्लोक की हल्दी खत्म होने के बाद सुनंदा जैसे ही अमीषी को हल्दी लगाने के लिए आगे बढ़ी, श्लोक बोल उठा "एक मिनट मम्मी जी।"
श्लोक की बात सुनकर सुनंदा रूक गई और सवालिया नज़रों से श्लोक को देखने लगी। सब श्लोक को सवालिया नज़रों से देखने लगे कि आखिर श्लोक ने सुनंदा को क्यों रोका? वहीं श्लोक सबको इग्नोर कर स्मृति के पास गया जो हल्दी का कटोरा लिए खड़ी थी। उसमें से थोड़ी हल्दी ले अमीषी की तरफ बढ़ गया और अमीषी के गालों पर हल्दी लगाते हुए "अपनी दुल्हन को सबसे पहले हल्दी में लगाऊंगा!" मुस्कुराता हुआ श्लोक बोला और अमीषी को थोड़ी सी हल्दी लगाकर साइड हो गया। अमीषी का पूरा चेहरा शर्म से लाल हो गया।
वहीं श्लोक की बातें सुनकर और हरकतें देख कर सब मुस्कुराने लगे। सचमुच इतना प्यार करने वाला पति शायद ही किसी के पास होगा।
श्लोक के बाद सुनंदा ने अमीषी को हल्दी लगाई, उसके बाद बाकी लोगों ने भी थोड़ी थोड़ी हल्दी अमीषी को लगाई। जेंट्स में बस आनंद जी, अमीषी के चाचा जी और सुमित ने बस थोड़ी सी हल्दी अमीषी को लगाई थी। बाकी किसी भी जेंट्स को अमीषी के पास जाने की भी इजाजत नहीं थी।
कुणाल जो पीछे खड़ा मुस्कुरा रहा था, अचानक उससे अमीषी बोल उठी "तुम मुझे हल्दी नहीं लगाओगे कुणाल??"
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