मोहब्बत है सिर्फ़ तुम से पार्ट (287)/ hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love story, Love kahani
प्रिंसीपल सर ने सबको अपनी क्लास में जाने को बोला तो सभी स्टूडेंट्स अपने अपने क्लास की ओर चले गए। प्रिंसीपल सर खुद अमीषी को उसका क्लास दिखाने ले गए।
ओबेरॉय ऑफिस
करीब एक बजे ब्लोक अपने केबिन में बैठा काम कर रहा था। लैपटॉप के कीबोर्ड पर उसकी उंगलियां तेज़ी से नाच रही थी।
तभी "भाई!" कहता हुआ कुणाल केबिन में आया। प्रोजेक्ट लांच करने में वो इतना बिजी हो गया था कि श्लोक से बात नहीं कर पाया था। श्लोक ने एक नजर उठाकर कुणाल को देखा और फिर अपने काम में मशगूल हो गया।
"ये क्या किया आपने भाई?" थोड़े गुस्से में कुणाल बोला।
"व्हाट हैपेन कुणाल?" बड़े आराम से लैपटॉप पर अपनी नजरें गड़ाए हुए श्लोक बोला।
कुणाल ने गुस्से में टेबल पर जोर का मुक्का मारा। श्लोक ने अपनी उंगलियां रोक ली और एकटक कुणाल को देखने लगा। "आप अच्छे से समझ रहे हैं भाई! मैं आपसे क्या कह रहा हूं? आपने ऐसा क्यों किया? साहिल खान को इस तरह बर्बाद क्यों किया?" दांत पीसता हुआ कुणाल बोला।
"मैं ने कुछ नहीं किया है कुणाल । तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है।" लापरवाही से श्लोक बोला जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो।
"मैं भाभी नहीं हूं भाई कि आपकी हर एक बात का अंधविश्वास करूं! आपकी रग रग से वाकिफ हूं मैं! आपने ये सब इसलिए किया ना क्योंकि पार्टी में उसने भाभी से बात की थी।" गुस्से में कुणाल फिर बोला।
अब श्लोक को कुणाल की बात सुनकर गुस्सा आने लगा था। वो एक झटके में उठ खड़ा हुआ और अपनी लाल लाल आंखों से कुणाल को घूरने लगा। "हां! मैं ने किया ये सब ! और जो कोई भी मेरी प्रिंसेस को मुझसे दूर करने की कोशिश करेगा उसके साथ यही होगा। मौत से भी बदतर जिंदगी दूंगा में उसे। उसने पार्टी के रूल्स तोड़े! प्रिंसेस से बात की। उससे हैंडसेक करने की कोशिश की। उसे ऐसे ही जाने देता में!" गुस्से में श्लोक बोला।
श्लोक की बात सुनकर कुणाल दंग रह गया। श्लोक की पागलपन, उसकी सनक हर किसी के समझ के बाहर था। दिन पर दिन श्लोक की सनक तो जैसे बढ़ती ही
जा रही थी। उसे तो ये समझ नहीं आ रहा था कि आखिर श्लोक ने अमीषी को कॉलेज कैसे जाने दिया? तभी कुणाल की नजर लैपटॉप के पास रखे टैबलेट पर गई। जिसमें अमीषधी की कॉलेज की फुटेज चल रही थी। दरअसल रिया, उसकी पूरी टीम, सारे बॉडीगार्ड्स के कपड़ों के बटन में स्पाई कैमरा लगा हुआ था जिसके जरिए श्लोक अमीषी के हर मूवमेंट पर नजर रखे हुए था। जहां अमीषी बैठी हुई थी उसके आगे पीछे पांच पांच बेंच पर बस एक रिया, उसकी टीम और फीमेल बॉडीगार्ड्स बैठी हुई थी। मेल बॉडीगार्ड्स आसपास खड़े थे। इतनी टाइट सिक्योरिटी में श्लोक ने अमीषी को कॉलेज भेजा था कि ये सब देखकर कुणाल का दिमाग घूम रहा था।
"फॉर गॉड सेक भाई! भाभी साहिल खान से बात करने गई थी। वो भाभी से बात करने नहीं गया था। और इतनी छोटी सी बात के लिए इतनी बड़ी सजा! ये ठीक नहीं है भाई।" श्लोक को समझाने की कोशिश करता हुआ कुणाल बोला। पर श्लोक कब किसकी बात समझने वाला था।
"प्रिंसेस से जुड़ी कोई भी बात छोटी नहीं है कुणाल ! और अगर कोई कल्पिता को तुझसे छीनने की कोशिश करेगा तो तू क्या इसी तरह देखता रहेगा? नहीं ना! और मुझे इस मैटर पर अब कोई बात नहीं करनी! उसने गलती की! इसकी सजा उसे मिली! प्रिंसेस के कॉलेज छूटने का वक्त हो गया है।" लापरवाही से श्लोक बोला और कुर्सी पर से अपना ब्लेजर उठाकर पहन लिया। एक हाथ में टैबलेट, दूसरे हाथ में मोबाइल पकड़े हुए श्लोक बड़े एटीट्यूड से केबिन से बाहर निकल गया। कुणाल श्लोक को देखता रह गया। उसे तो जैसे किसी बात से कोई फर्क ही नहीं पड़ता था। मन ही मन "मैं कल्पिता से प्यार करता हूं भाई! पर इसका मतलब ये नहीं है कि में उसे पर्सनल स्पेस भी ना दूं।"
कॉलेज
जैसे ही क्लासेज खत्म हुई और अमीषी क्लास से बाहर निकली, उसे सामने श्लोक खड़ा मिला जो अपनी कार से टेक लगाए अमीषी का इंतजार कर रहा था। अमीषी सीधा दौड़ कर श्लोक के पास गई तो श्लोक ने झुककर किसी बच्चे की तरह उसे गोद में उठा लिया और सीधा गाड़ी में बैठ गया। श्लोक के गाड़ी में बैठते ही ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी। गाड़ी में पार्टीशन ऑन था। अमीषी के चेहरे की खुशी बता रही थी कि आज उसका दिन बहुत अच्छा रहा है। अमीषी चहककर श्लोक को कॉलेज की सारी बातें बताने लगी। श्लोक भी बड़े चाव से अमीषी की बातें सुनने लगा।
रिया अपनी टीम के साथ मेंशन चली गई।
"और पता है। आज कॉलेज में मेरी एक नई फ्रेंड भी बनी! काजल ! बहुत अच्छी है। कॉलेज के कैंपस हॉस्टल में ही रहती है। मेरठ से आई है!" अमीषी लगातार बोले जा रही थी।
"और हां! एक बात पता है आपको। ये साहिल खान बड़ा गंदा आदमी निकला ! वो लड़कियों को अपने झांसे में फंसाकर उसके साथ गलत काम करता था। बहुत सारा ब्लैक मनी भी था उसके पास । छीः। कितना गन्दा आदमी निकला वो! मुझे भी बहुत पसंद था वो। पर अब तो घिन आ रही है उससे अच्छा हुआ उसे पुलिस पकड़कर ले गई।" नफरत भरे भाव से अमीषी बोली।
अमीषी के मुंह से साहिल खान के बारे में ऐसी बातें सुनकर श्लोक को जाने कितना सुकून मिल रहा था।
बातों ही बातों में कब ऑफिस आ गया, उसे पता भी नहीं चला। श्लोक अमीषी को गोद में लेकर अंदर जाने लगा तो अमीषी बोल उठी "आप मुझे ऑफिस लेकर क्यों आए हैं? कुछ स्पेशल है क्या?"
"आज मेरी प्रिंसेस पहली बार कॉलेज गई थी ना। इसलिए बाकी का वक्त मेरे साथ!" मुस्कुराता हुआ श्लोक बोला और अमीषी को इसी तरह गोद में लिए अपने प्राइवेट लिफ्ट की ओर बढ़ गया। श्लोक के बॉडीगार्ड्स ने उसे चारों तरफ से घेर रखा था।
ब्लोक का केबिन
केबिन में जाते ही अमीषी श्लोक के गोद से उतरने की कोशिश करने लगी तो श्लोक ने अमीषी को नीचे उतार दिया। नीचे उतरते ही अमीषी ने अपना जैकेट खोलकर सोफे पर फेंका और फ्रेश होने सीधा वॉशरूम में चली गई।
करीब बीस मिनट बाद अमीषी वॉशरूम से निकली तो श्लोक शर्टलेस अपने कुर्सी पर बैठा काम कर रहा था। अमीषी बिना कुछ सोचे समझे सीधा जाकर श्लोक के गोद में बैठ गई। अमीषी जैसे ही श्लोक के गोद में बैठी उसे एहसास हुआ कि श्लोक ने नीचे भी कुछ नहीं पहना है। ये महसूस कर अमीषी के पूरे बदन में मानो करंट लगने लगा। वो अंदर तक सिहर गई। उसका पूरा चेहरा शर्म से लाल हो गया।
"आ... आपने.... हकलाती हुई अमीषी बोलने की कोशिश करने लगी तो श्लोक आंखों में शरारत लिए अमीषी को देखने लगा।
"मैं ने क्या प्रिंसेस?" शरारती मुस्कान लिए श्लोक बोला और अपने होंठ अमीषी के गुलाबी गालों पर टिका दिए।
अमीषी को इस बात से ज्यादा शर्म आ रही थी कि पूरा केबिन शीशे से बना हुआ था और अमीषी सोच रही थी कि सब देख रहे होंगे। या कोई अचानक से केबिन में आ गया तो। पर इस शीशे से अंदर से बाहर तो देखा जा सकता था पर बाहर से अंदर नहीं। और श्लोक के केबिन में वैसे ही कोई नहीं आ सकता था और श्लोक ने अभी केबिन का डोर लॉक कर रखा था। और टॉप फ्लोर पर बस श्लोक का
केबिन ही था, बस सिक्योरिटी के लिए कुछ बॉडीगार्ड्स इस फ्लोर पर रहते थे। ये बातें अमीषी को पता नहीं थी।
"वो... वो क..... कोई आ... आ गया तो!" शर्माती हुई अमीषी बोली।
"ये श्लोक ओबेरॉय की दुनिया है प्रिंसेस! यहां मेरी मर्जी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता।" मुस्कुराता हुआ श्लोक बोला और अमीषी का कुर्ता खोलने लगा।
अमीषी भी ग्लोक को रोक नहीं पाई। कुछ ही देर में श्लोक ने अमीषी के पूरे कपड़े उतार दिए। अब दोनों पूर्णतः निर्वस्त्र थे। अमीषी को अपने गोद में ऐसे देख श्लोक एक बार फिर बेकाबू हो गया और उसने एक झटके में अमीषी के होंठों को अपने होंठों के गिरफ्त में लिया और एक हाथ से अमीषी के एक ब्रेस्ट को हल्के हल्के दबाने लगा और दूसरे हाथ से अमीषी के प्राइवेट पार्ट को सहलाने लगा। अमीषी के पूरे बदन में झुरझुरी दौड़ गई। श्लोक कभी अमीषी के होंठों को चूमता तो कभी उसके ब्रेस्ट को सक करता। साथ ही अपने हाथ उसके पूरे बदन पर फिराता। अमीषी भी कभी श्लोक के होंठों को चूमती तो कभी उसके सीने को।
श्लोक ने एक बटन प्रेस किया जिससे कुर्सी की पीठ थोड़ा पीछे झुक गई और वो एक छोटा सा बेड बन गया। कुछ ही देर में श्लोक ने एक झटके में अमीषी को अपना बना लिया, इससे अमीषी की चीख निकल गई जिससे श्लोक और बेकाबू हो गया। पूरा केबिन दोनों की मादक सिसकारियों से गूंज उठा। एसी लगे होने के बावजूद दोनों पसीने से लथपथ थे। श्लोक अपने सारे कामकाज छोड़ अपनी प्रिंसेस पर अपना प्यार लुटाने में लगा था। उस छोटे से कुर्सीनुमा बेड पर दोनों एक दूसरे में पूरी तरह से खोए हुए थे। अमीषी की जोर जोर से आहें निकल रही थी और उसकी हर आह के साथ श्लोक और जोश में आ जाता।
"यू आर सो टेस्टी प्रिंसेस। सो टेस्टी । आई लव यू। लव यू वेरी मच।" जुनून भरे लहजे में श्लोक बोलता और पूरे जोश के साथ अमीषी पर प्यार लुटाते जाता।
कुछ ही देर में अमीषी थक गई और श्लोक को रूकने के लिए बोला तो उसने 'बस थोड़ी देर और!' 'बस थोड़ी देर और!' कहकर खुद के सटिशफाइड होने तक अमीषी को प्यार करता रहा। जाने कितनी देर बाद ग्लोक रूका। अमीषी तो कब का थक कर सो चुकी थी। श्लोक ने जब देखा कि अमीषी सो चुकी है तो उसने हौले से अमीषी का माथा चूम लिया और उसे ले जाकर अपने सीक्रेट कमरे में सुलाकर अच्छे से ब्लैकेट से कवर कर दिया। फिर अपने केबिन में आकर अपने कपड़े पहनकर काम में मशगूल हो गया।
इस तरह दिन बीतते गए। श्लोक अमीषी को इसी तरह टाइट सिक्योरिटी में कॉलेज भेजता। खुद अमीषी को हर रोज ड्रॉप करने और लेने जाता। कॉलेज से छुट्टी होने के बाद वो खुद से अमीषी को मेशन छोड़ता और उसके बाद दोबारा
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