मोहब्बत है सिर्फ़ तुम से पार्ट (283)/ hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love story, Love kahani
इधर रूही को इस तरह रोते देख अमीषी म्लोक के गोद से उतरने की कोशिश करने लगी तो श्लोक ने उसे नीचे उतार दिया। अमीषी नीचे उतरते ही सीधा भागकर रूही के पास गई और उसे चुप कराने लगी। सब रूही के पास गए और उसे कंसोल करने की कोशिश करने लगे क्योंकि रूही बहुत ज्यादा डरी हुई थी।
कुछ ही देर में श्लोक के सारे बॉडीगार्ड्स ने वहां पहुंच कर सिचुएशन को संभाल लिया। अभय और लीना दोनों की चाल उल्टी पड़ गई। वो लोग कुछ नहीं कर पाए और श्लोक ने पलक झपकते ही उन्हें मात दे दी थी। वो दोनों ये नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर श्लोक ने इतनी जल्दी इतना कुछ कैसे किया?
श्लोक उन दोनों को मुस्कुराते हुए देख रहा था।
"अगर तुझ जैसे नमूने भी श्लोक ओबेरॉय को हराने लगे तब तो हो गया।" व्यंग्यात्मक लहजे में श्लोक बोला जैसे उन दोनों का मजाक उड़ा रहा हो।
इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता सुमित ने एक जोरदार पंच अभय के मुंह पर जड़ दिया। एक बार फिर अभय की दर्दनाक चीख गूंज उठी और वो जमीन पर गिर गया।
"साले कमीने! मेरी डॉल को छुआ तूने ! उसे हर्ट किया! तुझे तो मैं जान से मार
दूंगा।" गुस्से में चीखता हुआ सुमित बोला और अभय पर लात मुक्कों की बारिश करने लगा। उसकी आंखों में खून उतर आया था और लग रहा था जैसे आज वो उसकी जान लेकर रहेगा। ग्लोक मुस्कुराते हुए अभय को पीटते हुए देख रहा था। सुमित को ऐसे आपे से बाहर देख सुनंदा और आनंद जी आगे आए और सुमित को
जबरदस्ती अभय से अलग करने लगे। "सुमित! क्या कर रहा है? छोड़ उसे!" सुनंदा सुमित को पीछे खींचती हुई बोली जिसका सुमित पर कोई असर नहीं हुआ। वो अभी भी अभय को पीटे जा रहा था।
"बेटा! होश में आओ।" आनंद जी भी सुमित को पीछे खींचते हुए बोले पर सुमित तो किसी की सुन ही नहीं रहा था।
इधर जब श्लोक ने देखा कि सब परेशान हो रहे हैं तो उसने अपने बॉडीगार्ड्स को इशारा किया तो दो बॉडीगार्ड्स आगे आए और सुमित को जबरदस्ती अभय से खींच कर अलग कर दिया। पर वो अभी भी गुस्से से बौखलाया हुआ था। अभय की हालत अधमरी हो गई थी।
"बेटा! रूही को अभी जरूरत है तुम्हारी। होश में आओ!" जोर से चीखती हुई सुनंदा बोली तो सुमित पलटकर रूही को देखने लगा जो अमीषी के गले लगकर अभी भी सुबक रही थी। तब जाकर सुमित शांत हुआ और रूही के पास गया।
श्लोक के बॉडीगार्ड्स सबको ले जाने लगे तो अमृता बोल उठी "इन सबको पुलिस
के हवाले कर दो। अभी!" अमृता की आवाज गुस्से से भरी हुई थी। वो कभी ग़लत होता हुआ नहीं देख सकती थी।
अमृता की बात सुनकर डैनी श्लोक के तरफ देखने लगा तो श्लोक ने आंखों से ही इशारा किया। डैनी ने पुलिस को कॉल किया तो लोकल पुलिस कुछ ही देर में वहां पहुंच गई।
इधर पूरी फैमिली रूही को लेकर अंदर चली गई।
पुलिस जैसे ही अभय और उसके साथी को लेकर वहां से जाने लगी, श्लोक उसके पास गया और धीरे से अभय के कान में बोला "डॉट वरी! खेल शुरू तूने किया है! पर खत्म में करूंगा! एंड आई प्रॉमिस ! बहुत मजा आएगा!"
इतना कहकर श्लोक ने एक सरसरी निगाह लीना पर डाली तो लीना अंदर तक कोप गई। दोनों अब मन ही मन अपनी गलती पर पछता रहे थे। पर अब पछताने से क्या हो सकता था? दोनों तो शेर के चंगुल में फंस चुके थे। सबको पुलिस अपने साथ ले गई।
इधर कमरे में सब रूही को शांत करवा रहे थे। कल्पिता फर्स्ट एड बॉक्स लेकर रूही के सिर पर लगे चोट को साफ कर रही थी। उसके बगल में सुमित बैठा हुआ था। रूही सुमित का हाथ पकड़कर धीरे धीरे सुबक रही थी। वो अभी भी बहुत डरी हुई थी। कुछ ही देर में कल्पिता ने ज़ख्म साफ कर उस पर दवाई लगा दी। उसके गालों पर भी दवा लगा दी। सबने रूही को बहुत समझाया तो जैसे तैसे रूही शांत हुई।
अभी जो हादसा हुआ था उससे पूरी गर्ग फैमिली हिली हुई थी। ओबेरॉय फैमिली पर तो कोई असर नहीं हुआ था पर गर्ग फैमिली के लिए ये बहुत बड़ी बात थी। अमीषी भी अंदर से बहुत घबराई हुई थी पर बाहर से खुद को नॉर्मल दिखाने की कोशिश कर रही थी। ओबेरॉय फैमिली समझ रही थी कि गर्ग फैमिली ये सब देख बहुत सदमे में है। अमृता, अनिका सबको कंसोल करने की कोशिश कर रही थी। उन दोनों ने सबको बहुत समझाया तब जाकर सब किसी तरह शांत हुए।
रूही और सुमित को कमरे में कुछ देर के लिए अकेला छोड़ सब कमरे से बाहर आ गए।
सबके बाहर जाते ही सुमित ने रूही को गोद में बैठा लिया और धीरे धीरे उसके गालों को सहलाने लगा जिस पर थप्पड़ के निशान थे। रूही एकटक सुमित को देख रही थी।
"आ.... आप म... मुझसे शादी तो करेंगे ना!" अचानक से भर्राई आवाज में रूही बोल उठी।
रूही की बात सुनकर सुमित सवालिया नज़रों से रूही को देखने लगा।
अभय रूही को उठाकर ले गया था। इसलिए रूही डर रही थी कि कहीं इस वजह से सुमित शादी से इंकार ना कर दे। हालांकि अभय ने रूही के साथ कुछ किया नहीं था। वो तो उसे अमीषी समझकर उठा ले गया था और जब उसने देखा कि वो अमीषी नहीं है तो वो गुस्से से बौखला गया। इधर रूही अभय के पकड़ से छूटने की जी-तोड़ कोशिश कर रही थी। बस गुस्से में आकर अभय ने एक थप्पड़ रूही को मार दिया, रूही अपने आपको संभाल नहीं पाई और उसका सिर सामने दीवार से टकरा गया जिससे उसके सिर पर चोट लग गई।
सुमित को कुछ ना बोलता देख रूही बहुत डर गई। "आ... आप कुछ बोल क्यों नहीं रहे? आ.. आप मुझसे शादी तो करेंगे ना। म... मेरे साथ कुछ नहीं....." रूही कह ही रही थी कि सुमित ने अपनी उंगली उसके धरघराते होंठों पर रख दी "श्श्श्श्श!"
रूही चुप हो गई और सुमित की आंखों में देखने लगी। "तुम मेरी डॉल हो! तुमसे प्यार किया है में ने। पूरी जिंदगी साथ निभाने का वादा किया है में ने। और ये सुमित गर्ग अपनी आखिरी सांस तक ये वादा निभाएगा। मुझे किसी बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। बस इतना पता है कि तुम मेरी हो। बस मेरी।" सुमित बोला और हौले से रूही का माथा चूम लिया। रूही की आंखें अपने आप बंद हो गई।
"पर....!!" रूही ने कुछ कहने के लिए अपना मुंह खोला ही था कि सुमित ने अपने सख्त होंठ रूही के नरम होंठों पर रख दिया और बड़े प्यार से उसके होंठों को चूमने लगा।
इधर आज के हादसे से अमीषी भी बहुत घबराई हुई थी। ऊपर से अभय ने उसके बारे में इतनी गन्दी बातें की थी कि इस सबका उसके मासूम मन परबहुत गहरा असर पड़ा था। वो खिड़की के पास खड़ी बाहर लॉन में देखते हुए आज के हुए हादसे के बारे में सोच रही थी। लीजा अपनी दो टीम मेंबर्स के साथ अमीषी के पास ही खड़ी थी। तभी श्लोक कमरे में आया तो लीजा हमेशा की तरह बाहर चली गई।
श्लोक ने आते ही अमीषी को गोद में उठा लिया। "हे प्रिंसेस ! हाट हैपेन??" बड़े प्यार से श्लोक बोला।
"वो कौन था? और यहां हम सबको मारने क्यों आया था? इतनी गन्दी गन्दी बातें क्यों बोल रहा था?" सिर झुकाकर धीरे से अमीषी बोली।
अमीषी की बात सुनकर श्लोक गंभीर हो गया। वो अमीषी को लेकर सोफे पर बैठ गया और अमीषी का चेहरा अपने दोनों हाथों में भरकर हौले से उसके माथे को चूम लिया। अमीषी की आंखें अपने आप बंद हो गई।
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