मोहब्बत है सिर्फ़ तुम से पार्ट (281)/ hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love story, Love kahani
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श्लोक के कमर पर अपने दोनों पैर लपेटे और उसके चौड़े सीने पर अपने दोनों छोटे छोटे हाथ टिकाए अमीषी अपनी टिमटिमाती आंखों से एकटक श्लोक को देख रही थी। श्लोक का एक हाथ अमीषी की की पीठ पर था और दूसरा कमर पर। बाकी लोग अभी भी एकटक श्लोक को देख रहे थे। श्लोक को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले?
लीना को लगा उसका दांव चल गया। उसके होंठों पर एक जंग जीत लेने वाली मुस्कान आ गई। वो और अभय एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे।
"चुप क्यों हो श्लोक ओबेरॉय ?? खाओ अपनी प्रिंसेस की कसम !" लीना एक बार फिर जोर से बोली।
तभी पूरे लॉन में अमीषी की जोर की आवाज गूंज गई "ओ चितकबरी छिपकली! (लीजा ने अपने बालों को चार कलर से रंग रखा था और चेहरे पर ढेर सारा मेकअप भी पोत रखा था)"
अमीषी की तेज आवाज सुन सब अमीषी की तरफ देखने लगे। ब्लोक भी एकटक अपने बांहों में अमीषी को देखने लगा।
वहीं अपने लिए ऐसा वर्ड सुनकर तो लीना गुस्से से तिलमिला गई। लीनाः (गुस्से में उंगली दिखाकर चीखते हुए) हे यू। जस्ट शटअप !
तभी अमीषी की लीना से भी तेज आवाज पूरे लॉन में गूंज गई "यू शटअप !"
अमीषी की इतनी तेज आवाज सुनकर सब हैरान होकर अमीषी की तरफ देखने लगे जो लीना की ओर उंगली किए हुए उसे जलती निगाहों से घूर रही थी। गुस्से से उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था और आंखें भी लाल हो गई थी। सब अमीषी को पहली बार इतने गुस्से में देख रहे थे। श्लोक खुद अमीषी को इतने गुस्से में देख स्तब्ध था।
लीना भी अमीषी के गुस्से को देख सहम गई और दो कदम पीछे हो गई। यही हाल अभय का भी था। वो डर से घबराकर धूक से अपना गला गीला करने लगा।
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इससे पहले कि कोई कुछ बोलता अमीषी ने गुस्से में अपना वॉच खोला और उसे फेंक कर लीना को मारा। वाँच सीधा जाकर लीना के कंधे पर लगी। इससे लीना को कोई फर्क तो नहीं पड़ा पर वो गुस्से से बौखला गई। पर इससे पहले कि लीना कुछ कहती अमीषी फिर गुस्से से चीख उठी "बस ! बहुत हुआ तेरा! बहुत बोल लिया तूने और बहुत सुन लिया मैंने। अब एक और वर्ड मेरे श्लोक सर के खिलाफ बोला ना तो जुबान खींचकर अलग कर दूंगी। एक नंबर की झूठी तो तू खुद है और इल्जाम मेरे सर पर लगा रही है। छिपकली की पूंछ कहीं की।"
अमीषी का ये रूप देख लीना अंदर से हिल गई थी। पर वो ये जानती थी कि वो झूठ नहीं बोल रही।
"म...... मैं झ.... झूठ बोल रही हूं??" किसी तरह हिम्मत करके लीना बोली।
"हां।" जोर से चीखी अमीषी। अमीषीः (गुस्से में उंगली दिखाते हुए) श्लोक सर ने कहा कि तुम झूठ बोल रही हो तो मतलब झूठ बोल रही हो। श्लोक सर कभी कुछ गलत कर ही नहीं सकते। और श्लोक सर को मुझे या किसी को भी कुछ विश्वास दिलाने के लिए किसी की कसम खाने की जरूरत नहीं है। सर ने एक बार कह दिया! हमारे लिए वही काफी है। हम सर के अपने हैं! और अपनों को विश्वास दिलाने के लिए किसी सबूत या गवाह की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए अब चुपचाप अपना ये सड़ा हुआ मुंह उठाओ और निकल लो यहां से। हमारी पिकनिक खराब कर वैसे ही बहुत तमाशा कर चुकी हो तुमा"
अमीषी की बात सुनकर सब आश्चर्य से अमीषी की ओर देखने लगे। श्लोक पर अमीषी का अंधविश्वास देख सब हैरान थे। इतना विश्वास कौन किस पर करता है? अमीषी का श्लोक पर विश्वास देख सभी हैरान थे। अमीषी भले ही छोटी सी थी पर जिस तरह वो श्लोक के लिए ढाल बनकर खड़ी थी, ये सचमुच हैरत में डालने वाली बात थी। छोटी सी अमीषी कब इतनी समझदार हो गई, ये किसी को पता ही नहीं चला। सुनंदा अपनी बेटी का ये रूप देख अंदर ही अंदर बहुत खुश थी।
श्लोक का तो सारा डर दूर भाग गया। उसकी प्रिंसेस को उस पर भरोसा था, अब इससे ज्यादा उसे क्या ही चाहिए था? वो तो प्यार से अपनी बाहों में प्रिंसेस को निहारने लगा। वैसे अमीषी का खुद पर इतना भरोसा देख श्लोक खुद हैरान था।
तभी अमृता भी बोल उठी "हां! बहु बिल्कुल सही कह रही है! हमारा श्लोक कभी ऐसा कर ही नहीं सकता! वो मेरा बेटा है! और मेरा बेटा कभी गलती नहीं कर सकता ! तुम झूठ बोल रही हो!" दृढ़ विश्वास के साथ अमृता बोली।
पीछे से अनिका भी बोल उठी "श्लोक ने तुमसे शादी से इंकार कर दिया तो इस हद तक गिर गई तुम। मेरे बेटे पर इतने गंदे गंदे इल्जाम लगाने लगी तुम। शर्म नहीं आती तुम्हें।" उसके लहजे में एक गुस्सा झलक रहा था।
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सब एक तरफ से श्लोक की साइड लेने लगे। कुणाल और डैनी भी। गर्ग फैमिली भी बोलने लगी कि ब्लोक ऐसा कभी कुछ कर ही नहीं सकता। अमीषी ही नहीं सब श्लोक पर अंधविश्वास कर रहे थे।
बस फिर क्या था? श्लोक का सारा डर दूर भाग गया और उसके चेहरे पर उसकी शैतानी मुस्कुराहट लौट आई। उसका पूरा परिवार उसके पक्ष में खड़ा था। अब और क्या चाहिए था उसे? वो आंखों में एक अजीब सी सनक लिए गर्दन टेढ़ी कर दोनों को घूरने लगा।
अभय और लीना का तो सारा प्लान धरा का धरा रह गया। वो क्या सोचकर आए थे और ये क्या हो रहा था??
लीना को अमीषी की बात सुनकर बहुत गुस्सा आता है। वो गुस्से से तिलमिला उठती है। वो अपने कदम श्लोक की तरफ बढ़ाती है जहां श्लोक अमीषी को गोद में लिए खड़ा था।
"यू ब्लडी बिच!" दांत पीसती हुई लीना कहती है और अमीषी को मारने के लिए थप्पड़ उठाती है। इससे पहले कि श्लोक कोई एक्शन लेता, उससे पहले अमीषी लीना का हाथ पकड़ लेती है और गुस्से से लीना को घूरने लगती है।
"डॉट टू डेयर! यू बिच! ये अंग्रेजी गालियां किसी और को देना। अगर मैं ने हिंदी में एक गाली दे दी ना तो तेरा पूरा खानदान कब्र से बाहर आ जाएगा। समझी।" गुस्से में चिल्लाती हुई अमीषी बोलती है और लीना को दूर धकेल देती है। लीना जमीन पर गिर पड़ती है।
सब अमीषी की हिम्मत और हरकत देख मुंह खोले अमीषी को देख रहे थे।
अभय को कुछ समझ नहीं आया तो उसने गन लेकर हवा में फायर कर दिया। सब एक तरफ से सहम गए। अमीषी घबराकर एक बार फिर श्लोक के सीने में दुबक गई। श्लोक ने उसे अपनी बाहों में भींच लिया।
"जस्ट शटअप ।" गुस्से में दहाड़ उठा अभय। "मैं यहां किसी को कुछ विश्वास दिलाने नहीं आया। तुझसे बदला लेने आया हूं श्लोक ओबेरॉय । और वो में लेकर रहूंगा! तेरी आंखों के सामने तेरी बीवी को अपनी
अभय ने अभी इतना ही कहा था कि श्लोक की दहाड़ गूंज उठी "साइलेंट!" श्लोक की आंखें गुस्से से काली पड़ गई थी, हाथ और माथे की नसें फूल गई थी, चेहरा एकदम से भयानक हो गया था। इस वक्त ब्लोक साक्षात् मौत का देवता लग रहा था।
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श्लोक की दहाड़ इतनी तेज थी कि अभय के आगे के शब्द उसके गले में ही रह गए, लीना जो जैसे तैसे खड़ी हुई थी, लड़खड़ाती कदमों को संभालने के चक्कर में फिर से गिर गई। वहां खड़े उनके सारे बॉडीगार्ड्स के माथे पर पसीने की बूंदें छलक आई और कुछ के हाथों से तो हड़बड़ाहट में उनका गन भी छूटकर गिर गया।
उसकी फैमिली और गर्ग फैमिली भी श्लोक की दहाड़ सुन कांप उठे। श्लोक के सीने में दुबकी अमीषी की तो डर से सांसें तेज हो गई और उसकी पकड़ श्लोक के टीशर्ट पर कस गई। श्लोक ने अमीषी की घबराहट महसूस की और किसी तरह खुद को संयत कर अमीषी के सिर पर हाथ फेरने लगा जैसे कह रहा हो कि उसे डरने की कोई जरूरत नहीं है।
"साइलेंट हो जा। वरना में वाइलेंट हो जाऊंगा।" आंखों में अजीब सी सनक लिए धीमे मगर बहुत ही भयानक आवाज में अजीब तरीके से अपनी गर्दन हिलाता हुआ श्लोक बोला जिसे सुनकर अभय को अपनी रीढ़ की हड्डी में कंपकंपी सी महसूस हुई। एक ओर तो श्लोक प्यार से अमीषी का माथा सहला रहा था वहीं दूसरी ओर सबको जलती निगाहों से घूर रहा था। श्लोक इस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा साइको लग रहा था। श्लोक को ऐसे देख उसके परिवार वाले भी मानों सदमे में थे। श्लोक का एक अलग ही रूप उन्हें देखने को मिल रहा था।
इधर अभय भले डर रहा था पर अंदर ही अंदर गुस्से से फटा जा रहा था। उसे किसी भी कीमत पर बस श्लोक को हराना था।
अचानक से अभय गुस्से में दहाड़ उठा "भून डालो सबको !"
अभय की दहाड़ सुन उसके सभी बॉडीगार्ड हरकत में आ गए। सबके हाथ अपने हथियार पर मजबूत हो गए और उंगलियां ट्रिगर पर दबने को हो गई। सबने डर से अपनी आंखें बंद कर ली। ओबेरॉय फैमिली और गर्ग फैमिली दोनों ने सोच लिया कि ये उनका आखिरी समय है। सबने डर कर अपनी आंखें बंद कर ली।
इससे पहले कि अभय के बॉडीगार्ड्स ट्रिगर दबाते अभय की दर्द भरी आवाज पूरे लॉन में गूंज उठी "स्टॉप!"
सारे बॉडीगार्ड्स सहित पूरी ओबेरॉय फैमिली और गर्ग फैमिली आंखें खोल कर आवाज की तरफ देखने लगी। अभय नीचे जमीन पर गिरा हुआ था और उसके मुंह से खून निकल रहा था। श्लोक ने अपना एक पैर अभय के सीने पर रखा हुआ था और अभय के हाथ में जो गन थी वो श्लोक के हाथ में थी और उसने वो गन अभय की तरफ प्वाइंट किया हुआ था। म्लोक के बांयें कंधे पर जहां अमीषी अपना सिर रखकर श्लोक के बांहों में छुपी हुई थी वो भी श्लोक के कंधे से सिर निकालकर आवाज की तरफ देखने लगी। श्लोक ने एक हाथ से बड़े आराम से अमीषी को संभाल रखा था। अपने बॉस को श्लोक के कदमों में देख सारे
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Very nice story. Next part plz.
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