मोहब्बत है सिर्फ़ तुम से पार्ट (270)/ hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love storyLove stories
कल्पिता की बात सुन श्लोक मुस्कुराने लगा। "ओके ! शाम को डन!" मुस्कुराता हुआ श्लोक बोला।
फिर कुछ देर चुप रहकर श्लोक बोला "वैसे मेरे पास तुम्हारे लिए एक पनिशमेंट भी
श्लोक की बात सुनकर सब आश्चर्य से ब्लोक को देखने लगे। आखिर श्लोक कल्पिता को क्या पनिशमेंट देना चाहता है और क्यों? कुणाल तो हक्का बक्का रह गया। वो श्लोक से कुछ कह नहीं सकता था और कल्पिता को कोई पनिशमेंट मिले वो ये बर्दाश्त कैसे करता? सब खुद में ही कंफ्यूज थे। इस वक्त श्लोक का चेहरा बिल्कुल भावहीन था।
श्लोक ने एक सरसरी निगाह सब पर डाली और दरवाजे पर खड़े बॉडीगार्ड को कुछ इशारा किया तो बॉडीगार्ड बाहर चला गया। कुछ ही पलों में वो दो बॉडीगार्ड्स के साथ अंदर आया।
"ये रॉकी और रोमी! दोनों तुम्हारे पर्सनल बॉडीगार्ड्स हैं। ये दोनों तुम्हारे साथ हर वक्त साये की तरह रहेंगे और में इस पर कोई आर्ग्यू नहीं चाहता।" एकदम से सख्त लहजे में श्लोक।
श्लोक की बात सुनकर सब मुस्कुरा उठे। कुणाल तो सीधा श्लोक से लिपट गया। "थैंक्यू भाई! थैंक्यू सो मच! हमें इतना प्यार करने के लिए!" भर्राए गले से कुणाल बोला तो श्लोक कुणाल की पीठ थपथपाने लगा। पूरा माहौल एकाएक सीरियस हो गया था।
"मेरे गिफ्ट से बचने का ये अच्छा बहाना है कुणाल ।" मुंह फुलाकर अमीषी बोली तो कुणाल के साथ साथ सबकी हंसी छूट गई। सीरियस माहौल एकदम से लाइट हो गया।
"मैं आपके लिए शाम में गिफ्ट लाऊंगा भाभी! मुझे अंदाजा नहीं था कि अचानक से मुझे इतनी खुशी मिलेगी!" म्लोक से अलग होता हुआ कुणाल बोला।
"हां तो! लाना ही पड़ेगा! मैं गिफ्ट लिए बिना तुम्हें छोडूंगी ही नहीं।" इतराती हुई अमीषी बोली तो सब ठहाके लगा कर हंस पड़े।
तभी श्लोक ने रिमोट लेकर हॉल में लगा टीवी ऑन कर दिया। सारे न्यूज़ चैनल पर श्लोक और अमीषी की इंगेजमेंट और शादी की खबरें आ रही थी। आज उन दोनों की सगाई थी और अगले महीने शादी। सबकुछ वैसा ही होने वाला था जैसा अमीषी चाहती थी। हर तरफ बस दोनों के इंगेजमेंट और शादी के ही चर्चे थे। यही सरप्राइज़ ग्लोक अमीषी को कल रात देने वाला था। अमीषी की ड्रीम वेडिंग शुरू
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होने वाली थी और श्लोक मीडिया में इसकी अनाउंसमेंट करने वाला था पर कर नहीं पाया तो उसने आज मीडिया तक ये खबर पहुंचा दी। बस तभी से श्लोक ओबेरॉय की शादी की न्यूज़ सभी न्यूजचैनलों वालों के लिए सबसे महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गया था। कैसे फंक्शन्स होंगे, कब क्या होगा? सब बस अपने तरफ से अनुमान लगा रहे थे। बिल्कुल वैसे ही जैसा अमीषी चाहती थी।
ये सब देखकर तो अमीषी की आंखें हैरानी से फटी रह गई। यही हाल पूरी गर्ग फैमिली का था। सब एक तरफ से हैरान थे। अचानक से श्लोक ने पब्लिकली शादी की अनाउंसमेंट कर दी थी। दरअसल श्लोक पूरी दुनिया के सामने पूरे रीति-रिवाज के साथ अमीषी से शादी करना चाहता था।
कुछ देर तो अमीषी आंखें फाड़े ये न्यूज़ देखती रही। फिर अचानक से ये भूलकर
कि वहां इतने लोग मौजूद हैं, अमीषी एक्साइमेंट में सीधा जाकर श्लोक के ऊपर कूदकर चढ़ गई और उसके गालों को चूम लिया। श्लोक ने भी उसे झट से पकड़ लिया।
"थैंक्यू ! थैंक्यू सो मच! आई लव यू।" चहकती हुई अमीषी बोली और फिर से अपने होंठ श्लोक के गाल पर टिका दिए।
अमीषी की ये हरकत देख सभी शर्मा गए और सिर नीचे झुका कर मुस्कुराने लगे। सुनंदा धीरे धीरे खांसने लगी तो अमीषी का ध्यान हॉल में गया। अमीषी का पूरा चेहरा तुरंत शर्म से लाल हो गया, वो झेंप गई। वो झट से श्लोक के गोद से उतर गई। समय की नजाकत को समझते हुए श्लोक ने ना चाहते हुए भी उसे नीचे उतार दिया। अमीषी सीधा कमरे की तरफ भागी। सब उसे देखकर मुस्कुराने लगा।
उसी शाम
द डायमंड रिसॉर्ट
(पार्टी इस सेवन स्टार होटल से इसलिए थी क्योंकि ये अमीषी का ड्रीम रिसोर्ट था) पूरे रिसोर्ट को किसी दुल्हन की तरह सजाया गया था। चारों तरफ चहल पहल थी। टाइट सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया था। महाराष्ट्र के डीजीपी मिस्टर माधुर स्वयं सारे सिक्योरिटी देख रहे थे। इसके साथ ही श्लोक के बॉडीगार्ड्स अलग सिक्योरिटी टाइट किए हुए थे। कोई परिंदा भी उनकी मर्जी के बिना पर नहीं मार सकता था।
दुनिया भर के बड़े बड़े सेलिब्रिटी, बिजनेसमैन, नेता, बॉलीवुड सुपरस्टार, हॉलीवुड सुपरस्टार सब वहां पहुंचे हुए थे। ऐसी पार्टी शायद ही किसी ने कभी देखी हो। रिसोर्ट के बाहर तो मीडिया की जैसे बारात आ चुकी थी। सब श्लोक और उसकी प्रिंसेस को कवर करना चाहते थे। आज के पार्टी की एक खास बात ये भी थी कि अमृता भी इस पार्टी में शामिल हो रही थी, श्लोक और अमीषी के बहुत कहने पर। मीडिया को इसकी भनक लग चुकी थी और वो अमृता को भी कवर करना चाहती थी पर अभी तक कर नहीं पाई थी।
गर्ग फैमिली के साथ ओबेरॉय फैमिली के भी कुछ गिने-चुने रिश्तेदार पहुंच चुके थे। गर्ग फैमिली तो बस फटी आंखों से सबकुछ देख रहे थे। ऐसा कुछ उन्होंने पहली बार देखा था। ऐसी पार्टी तो शायद फिल्मों में भी नहीं होती थी। गर्ग फैमिली के सभी लोग मीडिल क्लास ही थे। अपने आंखों के सामने अपने फेवरेट स्टार्स को देखकर चहक उठे थे। वो सब तो उनके साथ ही बिजी थे। ऊपर से हर एक चीज इतनी लग्जरियस थी कि उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे वो जागती आंखों से सपने देख रहे थे।
इस पार्टी में श्लोक के कुछ फ्रेंड्स भी शामिल थे। वैसे तो कुछ गिने चुने फ्रेंड्स ही थे ब्लोक के। पर आज वो लोग भी शामिल थे पार्टी में। श्लोक के दोस्तों में लड़के और लड़कियां सब थे। श्लोक सारे फ्रेंड्स उसकी तरह ही रईस और अमीर खानदानों से थे।
एक बड़े से शानदार कमरे में चहकती हुई अमीषी तैयार हो रही थी। उसने पिंक कलर का खूबसूरत सा गाउन पहना हुआ था जो अमृता ने खुद डिजाइन किया था। वर्ल्ड की टॉप ब्यूटीशियन की टीम अमीषी का मेकअप कर रही थी नलिनी की देख रेख में।
अमीषी तो आज बला की खूबसूरत लग रही थी। बेबी पिंक कलर का गाउन उसके गोरे बदन पर कुछ ज्यादा ही खिल रहा था। पूरे गाउन पर डायमंड और प्लैटिनम का वर्क था। उसकी गाउन की कीमत ही जाने कितने करोड़ में थी। गले में खूबसूरत सा पिंक डायमंड नेकलेस, कानों में मैचिंग इयरिंग्स, बायें हाथ में खूबसूरत सा मैचिंग डायमंड का ब्रेसलेट, बालों को खूबसूरत डायमंड के बटरफ्लाई एक्सेसरीज से सजाया था और बालों को नीचे से कर्ल करके छोड़ दिया था, कानों के साइड से कुछ घुंघराले लट जो उसके गालों को चूमकर उसकी खूबसूरती और बढ़ा रहे थे, चेहरे पर लाइट मेकअप, आंखों में काजल, होंठों पर पिंक लिपस्टिक और गालों पर हल्का सा ब्लश। कुल मिलाकर अभी अमीषी किसी परी या अप्सरा से भी अधिक खूबसूरत लग रही थी। सचमुच की प्रिंसेस लग रही थी। और इसकी खूबसूरती को बढ़ाने का काम कर रही थी इसके चेहरे की खुशी और हल्का सा मुस्कुराने पर भी दोनों गालों पर पड़ते डिंपल। खुशी से अमीषी तो आज सातवें आसमान पर थी।
तभी सुनंदा कमरे में आती है। अमीषी को देखकर उसकी आंखें भर आती है। उसे अमीषी में अपनी छोटी बहन सौम्या की छवि नजर आती है।
"मैं क्या इतनी बुरी लग रही हूं?" मुंह फुलाकर अमीषी बोली।
अमीषी की बात सुनकर सुनंदा की हंसी निकल आती है। "धत् पगली। तू तो मेरी प्यारी सी गुड़िया है। तुझे किसी की नजर ना लगे।" अपने आंखों से काजल लेकर अमीषी के कान के पीछे काला टीका लगाती हुई सुनंदा
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"वैसे कम तो आप भी नहीं लग रही! आज तो पापा के होश उड़ने वाले हैं।" सुनंदा
को हल्का सा कंधा मारती हुई अमीषी शरारती अंदाज में बोली। सुनंदा भी पैलो साड़ी और सिम्पल मेकअप में बहुत सुंदर लग रही थी।
"मार खाएगी।" हाथ उठाकर सुनंदा बोली फिर मुस्कुराते हुए अमीषी को गले से लगा लिया।
तभी उसकी नज़र दरवाजे पर खड़े अपने पिता पर पड़ी जो उन दोनों को नम आंखों से देख रहे थे।
"अरे पापा! आप! अंदर आइए ना।" सुनंदा से अलग होती हुई अमीषी बोली तो आनंद जी भी कमरे के अंदर आ गए।
"मेरी गुड़िया को किसी की नजर ना लगे।" अमीषी के सिर पर हाथ फेरते हुए आनंद जी बोले।
अमीषी की भी आंखें भर आईं और वो दोनों से लिपट गई।
बाहर अधर्व काफ़ी देर से कमरे के बाहर मंडरा रहा था कि कब सब कमरे से निकले और वो एक बार अमीषी से अकेले में मिल सके। पर अथर्व को मौका नहीं मिला तो वो मन मारकर वापस नीचे हॉल में लौट आया।
इधर दूसरे कमरे में श्लोक भी तैयार हो रहा था। उसने व्हाइट कलर का पार्टी सूट पहना था। ब्लेजर पर बाईं ओर ब्लू डायमंड का खूबसूरत सा ब्रूच लगाया हुआ था। जेल से सेट किए हुए बाल, बायें हाथ में मंहगी रोलेक्स घड़ी, पैरों में शाइन करते जूते और चेहरे पर दुनिया भर का एटीट्यूड और उसकी लंबी चौड़ी पर्सनैलिटी में चार चांद लगाते उसकी हल्की हल्की बढ़ी हुई दाढ़ी मूंछें जो अच्छे से सेट की हुई थी। अगर अमीषी प्रिंसेस लग रही थी तो श्लोक भी किंग लग रहा था। आज तो कितनी ही लड़कियों की धड़कन श्लोक को देखकर रूकने वाली थी और जाने कितनी ही लड़कियों के दिल टूटने वाले थे। आज श्लोक ऑफिशियली इंगेज जो होने जा रहा था।
नीचे हॉल में पार्टी अपनी जोरों पर था। हर नज़र को बस श्लोक और उसकी प्रिंसेस का इंतजार था। तभी अचानक से लाइट ऑफ हो गई। सब इधर उधर देखने लगे और खुसुर फुसुर करने लगे।
तभी सीढ़ियों पर एक फॉक्स लाइट जली। सब उधर देखने लगे। वहां ब्लोक अमीषी के कमर में हाथ डाले किसी महाराजा की तरह खड़ा था।
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