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तेरी चाहत मे पार्ट (34) Love story // hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story // story // Love kahani

तेरी चाहत मे पार्ट (34) Love story // hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story // story // Love kahani Lovestory 34 "तुम अगर चाहती तो उन्हें भी समझा सकती थी!! पर तुमने ऐसा नहीं किया !!! देखो बेला.. मुझे मत बताओ की क्या करना है??? यह मेरी कंपनी है!! और तुम सिर्फ यहाँ काम करती हो!! अगर तुम्हें.. मिसेज शेखावत की तरह रौब झाड़ना है तो यह कभी नहीं होगा!! जाओ यहाँ से..... मैंने कहा.. जाओ यहाँ से!!!" बेला नाराज हो गई थी.. उससे भी ज्यादा आरव के कहे शब्दों से हर्ट हो गई थी!! वह बाहर चली आई... और दौड़ते हुए.. कैफे की तरफ चली गई!!! आरव के शब्द चुभ से रहे थे उसे !!! हर्ष और शेखर जी किसी फाइल को देखते हुए बात कर रहे थे।। उन्होंने बेला को भागते हुए देखा !! हर्ष ने फाइल शेखर जी को थमा दी।। और बेला के पीछे चला गया!!! शेखर जी ने आरव के केबिन की तरफ देखते हुए सोचा "लगता है बेला ने बात की और आरव सर ने सुनी नहीं!! और उसे ही डांट पड़ गई!!!.. बेचारी बेला!!!" हर्षः: क्या मैं भी यहाँ आकर बैठ सकता हूं??? बेलाः: हाँ!!! बैठिए ना!!! हर्षः: क्या हुआ??? तुम बात करने गई थी

मोहब्बत है सिर्फ़ तुम से पार्ट (260)/ hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love storyLove stories


मोहब्बत है सिर्फ़ तुम से पार्ट (260)/ hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love storyLove stories


"चुप! एकदम चुप! सब आपकी वजह से हुआ है। केवल आपकी वजह से।" उंगली दिखाते हुए अमीषी गुस्से में बोली। गुस्से से उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था और उसके फुले हुए गाल और फुल गए थे।

अमीषी की बात सुनकर श्लोक उसे सवालिया नज़रों से देखने लगा। "मेरी वजह से। अब मैंने क्या किया है?" नासमझी में श्लोक बोला।

"आप मुझे छोड़कर क्यों गए? जब भी आप मुझे छोड़कर जाते हैं मेरे साथ ऐसा ही कुछ होता है। क्यों छोड़ कर गए आप मुझे? क्यों?" गुस्से में श्लोक की कॉलर पकड़ कर अमीषी बोली।

अमीषी की बातें सुनकर श्लोक भौहें सिकोड़ कर अमीषी को देखने लगा। "मैं तुम्हें छोड़कर कब गया?" आंखें छोटी करके श्लोक बोला।

"अच्छा! तो मैं क्या झूठ बोल रही हूं? आपका मोबाइल स्विच ऑफ क्यों आ रहा है? बिना मुझे बताए कहां चले गए थे आप? वैसे तो हर टाइम प्रिंसेस प्रिंसेस करते रहते हैं। फिर मैंने आपको एक धप्पड़ क्या मार दिया? और एक बार जाने को क्या बोला? आप मुझे छोड़कर चले गए। यही प्यार है आपका। ऐसे साथ निभाएंगे मेरा । ऐसे!" गुस्से में श्लोक के सीने पर अपने छोटे छोटे मुक्के चलाती हुई अमीषी बोली। उसका पूरा चेहरा गुस्से से लाल हो गया था और उसके फुले हुए गाल और फुल गए थे जो उसकी क्यूटनेस और बढ़ा रहे थे।

अमीषी की बात सुनकर श्लोक मुस्कुराने लगा। फिर अचानक से श्लोक के मन में अमीषी की कही बातें घूमने लगती है "जब भी आप मेरे आस-पास होते हैं ना। मुझे छूते हैं ना! मुझे घिन आती है आपसे!" ये सब याद आते ही श्लोक का चेहरा एकदम से गंभीर हो जाता है और वो अमीषी को नीचे उतार देता है और अमीषी से दो कदम पीछे हो जाता है। ये देख अमीषी को और गुस्सा आता है।

"मुझे नीचे क्यों उतारा? क्या प्रिंसेस यूं ही सड़क पर खड़ी रहेगी??" श्लोक को घूरती हुई अमीषी बोली।

"त... तुमने ही तो कहा था कि मेरे छूने से तुम्हें घ....... कहते कहते श्लोक चुप हो गया। इससे आगे के लफ्ज़ उसके गले से नहीं निकले। उसके चेहरे पर दर्द की रेखाएं उभर आई। उसके छूने से उसकी प्रिंसेस को घिन आती है ये उसके लिए कितना दर्दनाक था ये तो बस वही जान रहा था। इससे अच्छी तो उसके लिए मौत थी। दर्द से मानों उसका कलेजा फटा जा रहा था। जिस शख्स को उसने इतना टूटकर चाहा उसने उससे ऐसा कहा। श्लोक अंदर से बिल्कुल टूट कर बिखर चुका था।

वहीं श्लोक की बात सुनकर अमीषी झेंप गई। उसे अपने द्वारा कहे शब्दों पर बहुत



पछतावा हो रहा था। पर अगले ही पल अमीषी ने खुद को संयत कर लिया।

"आपने प्रिंसेस को नीचे उतारा ना! आपको इसकी पनिशमेंट मिलेगी! चलिए ! घुटने टेकिए। ऑर्डर देने के लहजे में अमीषी बोली।

श्लोक बिना किसी सवाल के चुपचाप घुटनों पर बैठ गया। अमीषी बिना कुछ बोले आगे आती है और श्लोक का चेहरा अपने दोनों छोटे छोटे हाथों में भरती है और श्लोक के ऊपर थोड़ा सा झुकती है और उसे कुछ समझने का मौका दिए बगैर अपने नाजुक गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठो को श्लोक के सख्त होंठों पर रख देती है और उसे किस करने लगती है। अमीषी के इस तरह अचानक से किस करने से श्लोक हैरान हो जाता है। उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है। पर वो कोई हरकत नहीं करता बस आंखें बंद करके अमीषी के किस को फील करने लगता है। वो अभी अमीषी को बांहों में भरना चाहता था पर अमीषी द्वारा कहे गए शब्दों के कारण अपने हाथ आगे बढ़ा नहीं रहा था।

अमीषी को अब अच्छे से किस करना आता था। श्लोक ने उसे सबकुछ सिखा दिया था। वो कभी श्लोक के ऊपरी होंठों को सक करती तो कभी निचले होंठों को। कुछ ही देर में अमीषी महसूस करती है कि श्लोक कोई रिस्पांस नहीं कर रहा। अमीषी ब्लोक को किस करना छोड़ उसे गुस्से में घूरने लगती है।

"क्या हुआ है आपको? आपको अच्छा नहीं लग रहा।" श्लोक को घूरती हुई अमीषी बोली।

श्लोक कुछ नहीं बोला बस भावशून्य होकर अमीषी को देख रहा था। अमीषी ने एक बार फिर श्लोक के चेहरे को अपने हाथों में भरा और अपना माथा श्लोक के माथे से जोड़कर उसकी आंखों में देखने लगी।

"इतना प्यार क्यों करते हैं मुझसे? मुझे सच क्यों नहीं बताया?" भर्राई आवाज में अमीषी बोली। उसके आंखें भर आई थी। उसकी बड़ी बड़ी आंखें आंसुओं से भरी हुई थी। ये अलग बात है कि उसने श्लोक की बात कभी सुनने की कोशिश ही नहीं की। श्लोक अभी भी कुछ नहीं बोला। बस एकटक अमीषी को देखता रहा।

"आपको ये सब करने की क्या जरूरत थी? अगर आपकी बांहों में मुझे मौत.......

अमीषी ने अभी इतना ही कहा था कि श्लोक ने झट से उसके होंठों पर उंगली रख दी और ना में सिर हिलाने लगा। अचानक से उसका दिल जोरों से धड़कने लगा था।

"खबरदार जो ऐसा सोचा भी तो।" एकदम से सख्त लहजे में श्लोक बोला और एक झटके में अमीषी को सीने से लगा लिया और जोर से उसे अपनी बाहों में भर लिया जैसे अमीषी उसे छोड़कर कहीं भागने वाली हो। इस वक्त श्लोक का दिल ना


जाने कितने की स्पीड से धड़क रहा था। उसे अमीषी के ऊपर एक खरोंच तक बर्दाश्त नहीं थी और अमीषी ने अभी इतनी बड़ी बात कह दी थी। ये श्लोक की सांसें रोक देने के लिए काफी था। वहीं अमीषी श्लोक के गले लगकर फूट फूटकर रोने लगी। उसका सारा दर्द मानों आंसुओं के जरिए बाहर आ रहा था। श्लोक प्यार से उसका माथा सहलाने लगा किसी बच्चे की तरह। उसकी तो यही सोचकर जान निकल गई थी कि श्लोक उसे छोड़कर चला गया है। वहीं श्लोक अपनी आंखें बंद करके अमीषी को अपनी बाहों में महसूस कर रहा था। उसे तो ऐसा लग रहा था जैसे उसने मुद्दतों बाद अपनी प्रिंसेस को गले से लगाया हो।

"बस बस! इतना नहीं रोते!" अमीषी का सिर सहलाता हुआ श्लोक बड़े प्यार से बोला।

"आ.... आप म.... मुझे छ.... छोड़कर क... क्यों गए? म... मैं आ.... आपसे क... कभी बात नहीं क.... करूंगी !!" जोर जोर से सिसकती हुई अमीषी बोली। अमीषी अभी इतना रो रही थी कि उससे बोला नहीं जा रहा था।

ब्लोक ने अमीषी के आंसू पोंछे और उसे गोद में उठा लिया और अपनी कार के पास ले गया जो उसने थोड़ी ही दूर पर पार्क की थी। श्लोक अमीषी को लेकर आया और अमीषी को एक हाथ से संभालकर दूसरे हाथ से गाड़ी का दरवाजा खोलकर पानी की बोतल बाहर निकाली और अमीषी को कार की बोनट पर बैठा दिया। श्लोक पानी की बोतल खोलकर अमीषी को पिलाने लगा तो अमीषी ना में सिर हिलाने लगी। श्लोक ने अमीषी का जबड़ा हल्के से पकड़ कर उसका चेहरा स्थिर किया और उसके होंठों से बोतल लगा दिया। अमीषी पानी पीने लगी। पानी पीकर अमीषी शांत हुई तो श्लोक बाकी बचे पानी से अमीषी का चेहरा धोकर रूमाल से उसका मुंह पोंछने लगा।

इससे पहले कि श्लोक कुछ कहता अमीषी बोल उठी "बात मत कीजिए मुझसे ! क्यों छोड़ कर गए मुझे आप?" मुंह फुलाकर अमीषी बोली।

"तुमसे किसने कहा कि मैं तुम्हें छोड़कर चला गया?" मुस्कुराता हुआ श्लोक बोला।

"तो फिर आपका मोबाइल स्विच ऑफ क्यों बता रहा है? और अगर आप मुझे छोड़कर नहीं गए तो मुझे बताया क्यों नहीं कि आप कहां जा रहे हैं?" श्लोक को घूरती हुई अमीषी बोली।

अमीषी जब भी श्लोक को अपनी बड़ी बड़ी आंखों से घूरती थी तो श्लोक डर जाता था। अभी भी यही हुआ। श्लोक सहम गया।

"म... मैं बताता हूं! प... पहले तुम मुझे ये ड.... डराना बंद करो!" सहमी आवाज में श्लोक बोला।


श्लोक की बात सुनकर अमीषी को बहुत गुस्सा आता है। वो कार की बोनट पर खड़ी हो जाती है और ब्लेजर उतार कर फेंक देती है और अपने कमर पर दोनों हाथ रखकर श्लोक को घूरने लगती है।

"मैं डराती हूं आपको! में डराती हूं!" गुस्से में अमीषी बोली और पाउट बनाकर श्लोक को घूरने लगी।

अमीषी अभी इतनी क्यूट लग रही थी कि श्लोक के दिल के सारे तार एक साथ झनझना उठे। श्लोक ने अमीषी का हाथ पकड़कर एक झटके में उसे खींचा और अपने गोद में उठा लिया। अमीषी इस वक्त श्लोक की गोद में सोने की पोजीशन में थी।

"ओह प्रिंसेस ! आई लव यू। लव यू सो मच!" अमीषी को अपने सीने से लगाता हुआ श्लोक बोला।

"इसलिए मुझे छोड़कर चले गए थे!" अमीषी फिर बोली।

"तुम्हें छोड़कर नहीं गया था मैं। मेरे मोबाइल की बैटरी डेड हो गई है। और मुझे एक जरूरी काम से आना था। किसी से मिलने आया था में यहां। अर्जेंट था।" हंसता हुआ श्लोक बोला। अब श्लोक अमीषी को ये तो बता नहीं सकता था कि वो यहां डैनी से मिलने आया था जिसने श्लोक के कहने पर फिर एक कंपनी के एमडी को लापता किया था क्योंकि उसने ओबेरॉय कंपनी में अपने आदमी भेजकर फ्रॉड करने की कोशिश की थी और उस कंपनी के सारे पेपर्स डैनी श्लोक को देने आया था। जब अमीषी कमरे से बाहर निकली तभी उसे डैनी का कॉल आया था और श्लोक उसी वक्त वहां से चला गया था। उसकी मोबाइल की बैटरी भी डेड हो चुकी थी। पर वो अमीषी की बातों से इतना हर्ट हो गया था कि उसने किसी को कुछ नहीं बताया और वहां से चला गया।

"मुझसे ज्यादा अर्जेंट था?" बड़ी मासूमियत से अमीषी बोली।

अमीषी की बात सुनकर श्लोक मुस्कुराने लगा। "नहीं! पर उस वक्त तुम इतने गुस्से में थी कि मेरी बात सुनती ही नहीं! इसलिए तुम्हें बताए बिना चला आया! और तुम्हें क्या लगता है? तुम मुझे छोड़कर जाने को कह दोगी तो मैं तुम्हें छोड़ कर चला जाउंगा! श्लोक ओबेरॉय के प्यार से वाकिफ नहीं हो तुम।" बड़े प्यार से श्लोक बोला पर इस वक्त उसकी आंखों में अमीषी के लिए एक जुनून था जिसे अमीषी भी महसूस कर पा रही थी।

"आई एम सॉरी! में ने आपको फिर ग़लत समझा।" सिर झुकाकर अमीषी बोली। उसके चेहरे पर पछतावे के भाव थे।

अमीषी की बात सुनकर श्लोक ने उसे फिर से कार की बोनट पर बैठा दिया और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में भरकर हल्के से उसका माथा चूम लिया। अमीषी


की आंखें अपने आप बंद हो गई।

"तुम्हें सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है। मुझे तुम्हारी किसी बात का बुरा नहीं लगता। बल्कि सॉरी तो मुझे तुमसे बोलना चाहिए। मेरी वजह से तुम परेशान हुई। और फिर तुम्हें मेरी वजह से रोना पड़ा। आई एम सॉरी!" बड़े प्यार से श्लोक बोला। पर इस वक्त श्लोक के चेहरे पर पछतावे के भाव थे कि उसकी वजह से अमीषी परेशान हुई और वो गुंडे अमीषी के पीछे पड़ गए। अगर वो समय पर ना पहुंचता तो। वहीं श्लोक की बात सुनकर अमीषी एकटक श्लोक को देखने लगी। जाने किस मिट्टी का बना था श्लोक? या उसका प्यार किस हद तक था? उसे अमीषी की किसी भी बात से! किसी भी बदतमीजी से कोई फर्क ही नहीं पड़ता था। उसे तो हर हाल में बस अपनी प्रिंसेस ही चाहिए थी।

"सच्ची ना।" बड़ी मासूमियत से अमीषी बोली।

"मुच्ची!" अमीषी के नाक को हल्के से चूमता हुआ श्लोक बोला।

श्लोक की बात सुनकर अमीषी फिर श्लोक से लिपट गई। श्लोक ने भी उसे अपनी बाहों में भर लिया। श्लोक को तो जैसे पूरी दुनिया का सुकून मिल गया था। उसने अपनी आंखें बंद कर ली और अपनी प्रिंसेस को अपनी बाहों में महसूस करने लगा। श्लोक की तो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था उसे उसकी प्रिंसेस वापस जो मिल गई थी। श्लोक ने अभी अमीषी को ऐसे गले लगाया हुआ था जैसे उसका बस चलता तो उसे सीने में समा ही लेता। काफी देर तक दोनों इसी तरह एक दूसरे के गले लगे रहे जैसे इतने दिनों के गिले शिकवे दूर कर रहे थे।

"ओ तेरे की! मैं तो भूल ही गई!" अपने माथे पर हाथ मारती हुई अमीषी अचानक से बोली।

"क्या हुआ?" अमीषी को खुद से अलग कर सवालिया नज़रों से श्लोक बोला।

"अरे घर में सब आपके लिए परेशान हो रहे थे। उन्हें बताना तो भूल ही गई कि उनका डायनासोर दामाद मिल गया है। आपका मोबाइल कहां है?" कहकर अमीषी श्लोक की जेब टटोलने लगी। क्योंकि अमीषी के पास उसका मोबाइल तो था नहीं।

अमीषी के इस तरह यहां वहां छूने से श्लोक के पूरे बदन में करंट लगने लगा। श्लोक अपनी मुट्ठियां भींच कर खुद को संयत करने की कोशिश करने लगा।

"ग... गाड़ी में है।" हकलाता हुआ ब्लोक बोला और खुद को अमीषी से छुड़ा कर गाड़ी का दरवाजा खोलकर मोबाइल लेने लगा। अगर अमीषी ने अभी एक बार भी और उसे हाथ लगाया होता तो वो अभी ही अपना कंट्रोल खो देता और यहीं उसे प्यार करने लगता। श्लोक ने मोबाइल चार्ज होने के लिए गाड़ी में चार्जिंग पर लगा दिया था। पर अमीषी को मोबाइल देने से पहले श्लोक ने डैनी को मैसेज


किया कि उन लड़कों को अपनी जगह पहुंचा दे जिसने उसकी प्रिंसेस को छेड़ा है। और श्लोक के जगह पहुंचाने का मतलब ऊपर पहुंचाना होता है। ये अलग बात थी कि उन लड़कों में से किसी ने अमीषी को हाथ तक नहीं लगाया था। पर अगर कोई उसकी प्रिंसेस को परेशान करेगा तो श्लोक अपनी हैवानियत दिखाने से पीछे कैसे हटेगा? वैसे भी श्लोक को तो जैसे खून खराबा करने का मौका चाहिए।

अमीषी ने घर पर कॉल करके बताया कि श्लोक उसे मिल गया है और उन दोनों के बीच सब ठीक है तो सबने चैन की सांस ली। सबके पूछने पर अमीषी ने बताया कि श्लोक किसी जरूरी काम से चला गया था और उसके मोबाइल की बैटरी डेड हो गई थी। सबकुछ जान कर सब शांत हो गए।

श्लोक भी बोनट पर अमीषी के बगल में बैठ गया और जैसे ही अमीषी को अपने गोद में लेने के लिए हुआ अमीषी बोल उठी "आईसक्रीम!"

श्लोक ने सामने देखा तो एक बूढ़ा आदमी आइसक्रीम का ठेला लेकर जा रहा था। शायद आइसक्रीम बेच कर वापस जा रहा था। अमीषी की आवाज सुनकर वो आदमी रूक गया।

"अंकल। आइसक्रीम है?" चहकती हुई अमीषी बोली और कार की बोनट पर से उतरने लगी पर श्लोक ने उसे झट से पकड़ लिया और आराम से नीचे उतारने लगा। "संभलकर प्रिंसेस!" धीरे से श्लोक बोला। श्लोक नहीं चाहता था कि अमीषी ऐसे सड़क पर आइसक्रीम खरीद कर खाए क्योंकि उसके अनुसार ये बहुत अनहेल्दी होते हैं। पर श्लोक ये भी जानता था कि अमीषी उसके रोकने से तो रूकेगी नहीं।

अमीषी ब्लोक की बार्तों पर ध्यान दिए बगैर आगे बढ़ गई। आइसक्रीम वाला दोनों को देखने लगा। फिर एक आइसक्रीम निकाल कर अमीषी की तरफ बढ़ाते हुए "बिटिया! बस एक ही आइसक्रीम बची है।"

अमीषी ने झट से किसी छोटे बच्चे की तरह उसके हाथ से आइसक्रीम ले लिया। "हां हां! एक ही चाहिए! (श्लोक की तरफ इशारा करते हुए) ये नहीं खाते ये सब ! इनका पेट खराब हो जाता है!" बड़ी मासूमियत से अमीषी बोली और आइसक्रीम का रैपर फाड़ने लगी।

वहीं अमीषी की बात सुनकर श्लोक का मुंह खुला का खुला रह गया। उसका पेट खराब हो जाता है, ये कैसी बात थी? उसने तो बीच सड़क पर उसकी बेइज्जती कर दी थी।

"मेरा पेट खराब!" सिर खुजाता हुआ श्लोक बोला। वो अपने हेल्थ को लेकर कांशियस रहता है तो अमीषी ने उसे पेट खराब का नाम दे दिया।

वहीं वो बूढ़ा आइसक्रीम वाला अजीब नज़रों से श्लोक को देखने लगा। आइसक्रीम से पेट खराब! ये उसने पहली बार अपने जीवन में सुना था।

श्लोक समझ गया कि आइसक्रीम वाला उसे ऐसे क्यों देख रहा है? पर श्लोक क्या बोले उसे समझ नहीं आ रहा था? वो झेंप गया।

"श्लोक सर! पैसे!" अमीषी बोली तो श्लोक अपना वॉलेट निकाल कर जैसे ही उस बूढ़े को पैसे देने लगा अमीषी ने झट से अपने छोटे से हाथ में पांच सौ के कुछ नोट पकड़े और उस आइसक्रीम वाले की तरफ बढ़ा दिया। श्लोक ने जब अमीषी को यूं हक से अपने वॉलेट से पैसे लेते देखा तो एक गहरी मुस्कान उसके चेहरे पर आ गई।

आइसक्रीम वाला आंखें बड़ी बड़ी करके उसे देखने लगा। एक आइसक्रीम के बदले इतने रुपए। इतने रूपए तो वो पूरे दस दिन में भी नहीं कमाता। वो पैसे नहीं ले रहा था बस अमीषी को देख रहा था।

"क्या हुआ अंकल? लो ना!" अमीषी फिर बोली।

"ये बहुत ज्यादा है बेटी!" बूढ़ा आइसक्रीम वाला असमंजस की स्थिति में बोला।

"हां तो! लीजिए ना। इतना मत सोचिए। (श्लोक की तरफ इशारा करते हुए) ये श्लोक ओबेरॉय है। दुनिया का सबसे अमीर आदमी। पर सबसे बड़ा कंजूस भी। आप बहुत लकी हो कि आपको इनसे पैसे मिल रहे हैं।" आंखें घूमाती हुई अमीषी बोली और सारे पैसे उसके ठेले पर रख दिए।

अमीषी की बात सुनकर एक बार फिर श्लोक का मुंह खुला का खुला रह गया। वो उसे कंजूस बुला रही थी। एक बार फिर अमीषी ने उसकी बेइज्जती कर दी थी। वो भी बीच सड़क पर। आइसक्रीम वाले ने एक बार फिर श्लोक को अजीब नज़रों से देखा और ठेला लेकर आगे बढ़ गया। उसके इस तरह देखने से ब्लोक एक बार फिर झेंप गया।

अमीषी मजे से आइसक्रीम खाने लगी। श्लोक ने हल्के से अमीषी के दोनों बांहों को पकड़ा और उसके आंखों में देखने लगा।

"मेरा पेट खराब हो जाता है! और में कंजूस हूं!" दांत पीसता हुआ श्लोक बोला।

"हां तो!" आंखें मटकती हुई अमीषी बोली और खिलखिलाने लगी जिससे उसके गाल पर डिंपल पड़ गए। उसके होंठों के आसपास आइसक्रीम लगी हुई थी जिससे उसकी क्यूटनेस और बढ़ गई। अमीषी को ऐसे देख श्लोक का तो गला सूखने लगा।

"अभी बताता हूं!" श्लोक बोला और अमीषी को गोद में उठाकर कार की बोनट पर बैठा दिया और अपने दोनों पैर फैलाकर अमीषी को बीच में कर लिया और एक हाथ उसके कमर पर और दूसरा उसके सिर के पीछे रखकर उसे बिल्कुल अपने करीब कर लिया और अपने सख्त होंठ उसके नाजुक गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठो पर रख दिए।

तो दोस्तों आप ने अभी तक फॉलो नहीं किया ना
कर लीजिये ना प्लीज रिक्वेस्ट है आप सब से ❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍👍👍


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टिप्पणियाँ

  1. अच्छी सबको पसंद आ रही है थैक्यू 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌

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