मोहब्बत है सिर्फ़ तुम से पार्ट (259)/ hindi storie / hindi kahani // stories | Hindi story, love storyLove storie
सभी घर में चारों तरफ ग्लोक को ढूंढने लगे। पर श्लोक होता तो मिलता ना। सब लगातार श्लोक को कॉल किए जा रहे थे पर उसका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा था। अमीषी बहुत घबरा गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे? श्लोक को कहां ढूंढे? सब घर में हर जगह और आसपास के जगहों पर श्लोक को ढूंढने लगे। अमीषी भी श्लोक को ढूंढने लगी। अमीषी ने कुणाल को कॉल किया तो श्लोक मुम्बई के लिए भी नहीं निकला था और ना उसका कॉल भी लग रहा था।
ब्लोक को ढूंढते ढूंढते अमीषी बाहर चौराहे पर आ गई। बदहवास सी अमीषी को बिल्कुल भी ध्यान नहीं रहा कि वो कहां जा रही है? रात हो चुकी थी पर उसे कुछ भी होश नहीं था। वो बस रोते हुए श्लोक को हर जगह ढूंढ रही थी। उसे ये भी ध्यान नहीं रहा कि घर से इतनी दूर वो अकेली आ गई है और अपने परिवार वालों से बिछड़ गई है। नारायणपुर कोई बहुत बड़ा शहर नहीं था। शाम होते ही सड़कें लगभग सुनसान हो जाती थी और बाजार भी बंद हो जाता था। जिन्हें बहुत जरूरी होता था वहीं बस सड़कों पर दिखते थे।
अमीषी श्लोक को ढूंढते हुए घर से बहुत दूर आ गई थी। वो लगातार अपने आंसू पोंछ रही थी और 'श्लोक सर!' 'श्लोक सर!' चिल्ला रही थी। तभी सड़क पर कुछ मनचले लड़कों की नजर अमीषी पर पड़ती है जो एक चाय की दुकान पर बैठकर जुआ खेल रहे थे और शराब पी रहे थे। सबने ऊपर से नीचे अमीषी को देखा और उन सबकी आंखों में हवस उतर आया। अमीषी ने बस अभी अपनी हाईनेक स्लीवलेस ड्रेस पहनी हुई थी जो उसके जांघों तक आ रही थी। ऊपर से लांग जैकेट नहीं पहना हुआ था। उसकी फिगर इस ड्रेस में बहुत कमाल लग रही थी और ये ब्लैक रंग उसके गोरे रंग पर कुछ ज्यादा ही फब रहा था। ऊपर से उसके बिखरे हुए लंबे बाल, आंसुओं से भींगा चेहरा, चेहरे पर घबराहट साफ जाहिर कर रहा था कि वो अभी कितनी परेशान है। वो तेज तेज सांसें ले रही थी। बीते वक्त के साथ उसकी धड़कनें बढ़ती जा रही थी। अमीधी की गोरी सेक्सी टांगें देखकर तो वो लड़के पागल ही हो गए। अमीषी को बिल्कुल भी ध्यान नहीं रहा कि वो लोग उसे किन नज़रों से देख रहे हैं।
वहां कुल नौ लड़कों का समूह था जो अमीषी को देखकर ना जाने क्या सब सोच रहा था? उन्होंने अमीषी का फायदा उठाने का सोचा। अमीषी जैसे ही दूसरी तरफ बढ़ने लगी वो लोग अमीषी के सामने आकर खड़े हो गए। अचानक से इतने
लड़कों को सामने देख अमीषी घबरा गई।
"ओए होए जानेमन ! किधर?" खी खी करता हुआ एक लड़की बोला और अमीषी को ऊपर से नीचे गंदे तरीके से घूरने लगा।
पर अमीषी भी इतनी जल्दी कहां डरने वालों में से थी। उसने झट से अपने आंसू पोंछे और खुद को मजबूत किया। श्लोक के साथ रहते रहते अमीषी में भी बहुत हिम्मत आ गई थी।
"देखो! हटो मेरे सामने से। तुमलोग जानते नहीं हो कि कौन हूं मैं?" उंगली दिखाकर गुस्से में अमीषी बोली।
उसकी बातें सुनकर सभी जोर जोर से हंसने लगे जैसे अमीषी का मजाक उड़ा रहे हों। उनकी हंसी सुन अमीषी कांप गई।
"अरे मैडम! आपको कौन नहीं जानता? पूरी दुनिया में तो आपके ही चर्चे हैं। आप उस श्लोक ओबेरॉय की प्रिंसेस हैं ना। फिर वो आपको छोड़ कर कहां चला गया?" अमीषी को घूरता हुआ दूसरा लड़का बोला।
"अरे! उसने इसे हमारे लिए छोड़ा है!" तीसरा लड़का दांत दिखाता हुआ बोला तो सब एक बार फिर की खी खी करके गंदे तरीके से हंसने लगे और अमीषी की तरफ बढ़ने लगे। अमीषी डरकर पीछे होने लगी
"देखो। तुम लोग हद पार कर रहे हो। अगर श्लोक सर को पता चला ना तो तुम सबकी जान ले लेंगे वो। तुम जानते नहीं हो उन्हें।" किसी तरह हिम्मत करके अमीषी फिर बोली। हालांकि डर से उसके हाथ पैर कांप रहे थे पर वो किसी तरह हिम्मत करके खड़ी थी।
"अच्छा! तो कहां है तेरे श्लोक सर? जरा बुला उसे! हम भी तो देखें। आखिर कितना बड़ा तोप है वो!" एक लड़का थोड़ा ज्यादा आगे बढ़ता हुआ बोला।
"अरे! क्या इसकी बकवास सुन रहा है? उठा इसे! और ले चल अपने अड्डे पर। खूब मजे करेंगे।" बेशर्मी से एक लड़का बोला तो सब फिर हंसने लगे।
वो सारे लड़के अमीषी को पकड़ने के लिए अमीषी की तरफ झपटे। पर इससे पहले कि वो अमीषी को छू भी पाते अमीषी तेजी से पीछे हटी और सड़क पर रखा एक पत्थर उठाकर सबसे सामने वाले लड़के के सिर पर दे मारा और पूरी ताकत लगाकर वहां से भाग गई।
"आहू!" माये पर हाथ रखकर दर्द से चीख पड़ा वो लड़का।
"अबे साली! भाग कहां रही है? अभी बताता हूं तुझे।" वो लड़का गुस्से में चीरखा और अमीषी को पकड़ने उसके पीछे दौड़ा।
आगे आगे अमीषी दौड़ रही थी और पीछे पीछे वो सारे लड़के। डर से अमीषी की हालत खराब थी। तेज भागने से अमीषी की सांसें फूलने लगी थी पर वो फिर भी रूक नहीं रही थी। अचानक से दौड़ती हुई अमीषी को एहसास हुआ कि एक कपड़ा अचानक से उसके चारों तरफ लिपट गया और अगले ही पल अमीषी हवा में थी। अमीषी ने डर से अपनी आंखें बंद कर ली और अपने दोनों छोटे छोटे हाथों से अपना चेहरा ढक लिया। तभी अमीषी को एक जाना पहचाना स्पर्श महसूस हुआ। अमीषी ने धीरे से आंखें खोली तो खुद को श्लोक की बांहों में पाया। श्लोक ने ही उसे अपने ब्लेजर से ढककर अपने गोद में उठा लिया था। उसके फौलादी बाहें अमीषी के कमर और पीठ पर थे और वो उन सब लड़कों को अपनी लाल सुर्ख आंखों से घूर रहा था। श्लोक को देखते ही अमीषी के खौफ भरी आंखों में चमक आ गई। वहीं सारे लड़के वहीं रूक गए।
"श्लोक सर!" भर्राई आवाज में अमीषी इतना ही बोली और अपने पैर श्लोक के कमर पर लपेट लिए, दोनों हाथ श्लोक के गर्दन पर लपेट कर अपना चेहरा उसके कंधे में छुपा लिया। अमीषी की तेज सांसें, उसकी बढ़ी हुई धड़कन, डर से धरथराती उसकी बॉडी श्लोक साफ साफ महसूस कर पा रहा था जो उसके गुस्से को और भड़काने का काम कर रहा था। अमीषी किसी बंदर के बच्चे की तरह श्लोक से चिपकी हुई थी और श्लोक ने उसे अपने ब्लेजर से ढककर अपनी बाहों में लिया हुआ था।
श्लोक की लाल सुर्ख आंखें और गुस्सा देख सब एक बार अंदर तक सिहर उठे। श्लोक का औरा किसी की भी धड़कनें रोक देने के लिए काफी था। श्लोक किसी साइको की तरह गर्दन टेढ़ी करके उन सबको देख रहा था जिससे सबकी कंपकंपी छूट रही थी। पर अगर वो लोग तुरंत डरकर वहां से भाग जाते तो ये उनकी तौहीन होती इसलिए उन्होंने हिम्मत से काम लेने का सोचा।
"अबे कौन है तू? इस लड़की को हमारे हवाले कर और जा यहां से।" उनमें से एक लड़का थोड़ा आगे आता हुआ बोला जो संभवतः उन सबका लीडर लग रहा था।
"भ.... भाई ये... ये तो श... श्लोक ओ..... ओबेरॉय है।" धूक गटकता हुआ एक लड़का उसके कान में बोला।
श्लोक ओबेरॉय ! ये नाम सुनकर वो लड़का भी एक पल के लिए डरा पर अगले ही पल अपना सिर झटक दिया। "अबे! ब्लोक ओबेरॉय है तो क्या इसकी पूजा करूं मैं?" बड़े एटीट्यूड से वो लड़का बोला और ग्लोक को पूरने लगा।
श्लोक का गुस्सा अभी किस लेवल पर था ये तो बस वही जान रहा था। उन लोगों ने उसकी जान को डराने की, उसे छूने की कोशिश की थी। पर किसी तरह उसने
खुद को कंट्रोल कर रखा था क्योंकि उसकी बांहों में अमीषी थी और वो उसके सामने अपना गुस्सा जाहिर कर उसे डराना नहीं चाहता था। श्लोक बस अपनी लाल लाल आंखों से सबको घूर रहा था। उसके जबड़े भींच चुके थे, हाथों की नसें तन चुकी थी, माथे की नसें फूल गई थी। श्लोक तो मानो गुस्से से पागल हो गया था। वहीं उन मवालियों की बात सुनकर अमीषी की पकड़ श्लोक पर कसती जा रही थी।
"अबे! लुक क्या दे रहा है? लड़की को हमारे हवाले कर और जा यहां से।" दूसरा लड़का फिर बोला।
अचानक से अमीषी ने अपना छोटा सा चेहरा श्लोक के कंधे से निकाला और उन
मवालियों को घूरने लगी। "तुम लोगों की मौत आई है जो श्लोक ओबेरॉय के सामने उसकी प्रिंसेस को छेड़ रहे हो। सर तुम सबको कुत्ते की तरह मारेंगे।" मुंह चिढ़ाती हुई अमीषी बोली। जाने कहां से अमीषी के अंदर इतनी हिम्मत आ गई थी। शायद ये श्लोक की वजह से था। वहीं अमीषी का खुद पर पहले जैसा भरोसा देख श्लोक को ना जाने कितना सुकून मिला। उसका सारा गुस्सा हवा हो गया और वो प्यार से अपनी प्रिंसेस को देखने लगा।
"अबे! ये लड़की कुछ ज्यादा ही बोल रही है। इसे मारकर इस लड़की को मेरे पास लेकर आ!" श्लोक की तरफ इशारा करता हुआ वो लड़का ऑर्डर देने के लहजे में बोला।
"हां! हां! आओ! आओ ना! छू कर दिखाओ मुझे।" मुंह चिढ़ाती हुई अमीषी उन लोगों को खुली चुनौती देती हुई बोली। मानो उसे किस चीज का डर ही नहीं था। अमीषी की इस बचकानी हरकत पर श्लोक मंद मंद मुस्कुरा रहा था।
इशारा पाकर उनमें से एक लड़का आगे बढ़ा तो श्लोक ने उसे गर्दन पकड़कर हवा में उठा दिया। अमीषी अभी भी किसी बंदर के बच्चे की तरह श्लोक से चिपकी हुई थी। एक हाथ से श्लोक ने अमीषी को संभाला हुआ था और दूसरे हाथ से उस लड़के को गर्दन से पकड़कर हवा में उठा रखा था। वो लड़का जोर जोर से छरपटाने लगा और श्लोक की पकड़ से छूटने की जी-तोड़ कोशिश करने लगा पर सब नाकाम। ये दृश्य देखकर तो सामने खड़े सबके पसीने छूट गए। उसकी ताकत देखकर सब एक तरफ से हैरान थे। उसने अमीषी और उस लड़के को एकसाथ इतने आराम से उठाकर रखा था जैसे कोई हल्की फुल्की चीज हो।
वहीं अमीषी ने जैसे ही ये दृश्य देखा जोर से सीटी बजाने लगी। "वेरी गुड श्लोक सर! गुड शॉट!" किसी छोटे बच्चे की तरह तालियां बजाकर अमीषी चहकती हुई बोली।
तभी दूसरा लड़का आगे बढ़ा तो श्लोक ने उस हवा में उठाए लड़के को उस लड़के
पर फेंक दिया। दोनों लड़के दर्द से कराह उठे। ये दृश्य देखकर सबकी हालत और खराब हो गई। पर वो किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटना चाहते थे।
अबकी बार बाकी बचे सातों लड़के ने श्लोक को चारों तरफ से घेर लिया और उनमें से तीन लड़कों ने चाकू निकाल लिया। ये दृश्य देख अमीषी की डर से तो हालत खराब हो गई वहीं श्लोक के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट थी।
"श्लोक सर! अब क्या होगा?" धीरे से थोड़े घबराए स्वर में अमीषी बोली।
श्लोक ने अमीषी के सिर के पीछे हाथ रखकर उसका चेहरा अपने कंधे पर किसी छोटे बच्चे की तरह रख दिया।
"होल्ड मी टाइटली! एंड डॉट लुक हेयर (इधर देखना मत)!" ऑर्डर देने के लहजे में श्लोक बोला तो अमीषी ने अपने हाथ और पैर की पकड़ श्लोक पर कस दी और अपना चेहरा उसके कंधे में छुपा लिया।
एक लड़के ने श्लोक पर चाकू से वार किया तो श्लोक ऐन मौके पर झुक गया और एक जोरदार किक उस लड़के को मारा। वो लड़का दूर जा गिरा और दर्द से कराह उठा। इस तरह सब एक एक करके श्लोक पर वार करते गए और श्लोक एक हाथ से अमीषी को किसी बच्चे की तरह संभाले हुए बड़े आराम से सबके वार का जबाव दे रहा था।
कुछ ही देर में सब जमीन पर पड़े पड़े कराह रहे थे और वहीं अमीषी आंखें बंद करके श्लोक के गर्दन में अपना सिर छुपाकर पूरी तरह से श्लोक से चिपकी हुई थी। जब अमीषी को महसूस हुआ कि श्लोक स्थिर हो गया है तो उसने धीरे से श्लोक के गर्दन से अपना छोटा सा चेहरा निकाला और चारों तरफ देखने लगी। सबको यूं जमीन पर कराहते देख अमीषी हैरान रह गई। उसे समझ नहीं आया कि श्लोक ने ये कैसे किया?? उसे भी संभाले रखा और उन मवालियों को धूल भी चटा दी। पर वो ये नहीं जानती थी कि उन मवालियों की हालत अभी बहुत बेहतर थी क्योंकि वो उसकी बांहों में थी। उनकी हालत बुरी तो अब होने वाली थी।
"ये आपने कैसे किया?" हैरानी से अमीषी बोली।
श्लोक कुछ देर तो यूं ही देखता रहा। फिर अगले ही पल उसका पूरा चेहरा गुस्से से भर गया। वो अमीषी को इसी तरह गोद में लिए वहां से थोड़ा आगे आ गया जहां
इलाका बिल्कुल सुनसान था। "तुम यहां अकेली क्या कर रही हो? लीजा कहां है? बॉडीगार्ड्स कहां हैं? अगर अभी कुछ हो जाता तो!" गुस्से में ब्लोक बोला।
श्लोक की बात सुनकर अमीषी को भी बहुत गुस्सा आता है। वो झट से एक थप्पड़ ब्लोक के गाल पर जड़ देती है। श्लोक कुछ नहीं कहता बस एकटक अमीषी को देखता रहता है।
दोस्तों प्लीज फॉलो कर लीजिये
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