सड़क पर गाड़ियों का काफिला अपनी रफ्तार से दौड़ा जा रहा था। अपने आंखों पर गॉगल्स चढ़ाए, क्रॉस लेग करके बैठी अमीषी खिड़की से बाहर देखने में मग्न थी। वहीं श्लोक की नजरें सिर्फ और सिर्फ अमीषी पर टिकी हुई थी। अमीषी की गोरी सेक्सी टांगें श्लोक के अंदर एक खलबली मचा रही थी। एसी कार में भी श्लोक के पसीने छूट रहे थे, उसे अपना गला सूखता हुआ सा महसूस हो रहा था। वो बार बार कॉलर को ढीला करके खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था पर उसका बॉडी टेंपरेचर लगातार बढ़ता ही जा रहा था। वो लगातार अपनी मुट्ठियां मसल रहा था पर वो चाह कर भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। अमीषी को छूने की, उसे महसूस करने की उसकी तड़प बढ़ती ही जा रही थी वहीं अमीषी ग्लोक को ऐसे इग्नोर कर रही थी जैसे उस गाड़ी में श्लोक था ही नहीं। उसे श्लोक की नजरें खुद पर महसूस हो रही थी पर वो फिर भी अंजान बनी हुई थी।
अब श्लोक को पता चल रहा था कि उस कल्ब डांसर के करीब जाकर उसने कितनी बड़ी गलती की है और उसकी कीमत वो अब चुका रहा था अपनी प्रिंसेस से दूर रहकर। उसकी गलती की उसे बहुत बड़ी सजा मिल रही थी। उसकी प्रिंसेस उसे खुद को छूने भी नहीं दे रही थी। छूना तो दूर वो तो उसकी तरफ देख भी नहीं रही थी और श्लोक लगातार ललचाई नज़रों से अमीषी को घूर रहा था। ग्लोक ओबेरॉय जिसके कदमों में पूरी दुनिया थी, वो जो चाहता अगले ही पल उसे हासिल कर लेता था पर उसकी अपनी प्रिंसेस के सामने एक नहीं चलती थी।
तभी श्लोक के मोबाइल पर एक मैसेज का नोटिफिकेशन आया। श्लोक ने देखा वो मैसेज डैनी का था। डैनी ने एक विडियो ग्लोक को सेंड किया था। ब्लोक ने विडियो ऑन किया तो उसमें कुछ लोगों को जिंदा जलाया जा रहा था और वो सब चीख पुकार मचा रहे थे। बड़ा ही भयानक विडियो था, कमजोर दिल वाला देख ले तो तत्काल मर जाए। मोबाइल श्लोक के कानों में लगे ब्लूटूथ से कनेक्ट था इसलिए अमीषी उसकी आवाज सुन नहीं सकती थी। उन सबको जिंदा जलते देख ब्लोक के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट आ गई। ये वो लोग थे जो उस दिन कल्ब में श्लोक के साथ उस कमरे में मौजूद थे। वो लड़का जिसने अमीषी को सोने के लिए ऑफर किया था और उसका बड़ा भाई। साथ ही वो लोग जो उसके साथ थे। श्लोक ने बस मिली को छोड़ दिया था क्योंकि वो बस श्लोक के कहने पर अमीषी को वहां लेकर आई थी और वो तीन कल्ब डांसर जो बस श्लोक के उन बिजनेस पार्टनर के बुलाने पर वहां आई थी, उन्हें छोड़ दिया था क्योंकि उन तीनों
का भी इस सबसे कोई लेना देना नहीं था। हालांकि ये सारा प्लान श्लोक का ही था। वो उस दिन पहली बार वैसी किसी जगह डील करने गया था और उसने ही अपने आदमियों द्वारा ये खबर उन दोनों भाईयों तक पहुंचाई थी कि श्लोक के लिए लड़की का इंतजाम करके रखे, इससे श्लोक बहुत खुश हो जाएगा और उन दोनों को डील आसानी से मिल जाएगी। उन दोनों ने यही किया। सबकुछ श्लोक की मर्जी के अनुसार ही हुआ था पर श्लोक, वो तो ठहरा एक नंबर का सनकी। उसकी प्रिंसेस जिस वजह से रोई उसने उस वजह को ही खत्म कर दिया था। वो विडियो देख श्लोक के चेहरे पर एक सुकून था जैसे बहुत अच्छा काम किया हो।
श्लोक ने मोबाइल बंद किया और अमीषी को देखा जो अभी भी खिड़की से बाहर देख रही थी। अमीषी को देख श्लोक अजीब तरीके से मुस्कुराया और ड्राइवर को कुछ मैसेज किया। गाड़ी में पार्टीशन पहले से ही ऑन था। अचानक ड्राइवर ने अमीषी की साइड से गाड़ी को एक झटके में मोड़ दिया जिससे श्लोक एक झटके में अमीषी की तरफ गिरा और उसने जानबूझकर अपने होंठ अमीषी के मक्खन जैसे जांघों पर रख दिए। अचानक हुए इस वाकये से अमीषी एकदम से घबरा गई वहीं जैसे ही उसे अपने जांघों पर ग्लोक के होंठ महसूस हुए अमीषी अंदर तक सिहर उठी। श्लोक भी एक झटके में अमीषी से दूर हो गया ये दिखाने के लिए कि गलती से हो गया वहीं अमीषी ने हड़बड़ाकर अपने जैकेट से अपना जांघ ढक लिया।
"लगता है तुम्हें दूसरी नौकरी ढूंढने की बहुत जल्दी है!" गुस्से में श्लोक बोला तो ड्राइवर की तो आधी जान ही निकल गई। ड्राइवर मन ही मन "सर! आपने ही तो कहा था!"
ब्लोक बनावटी गुस्सा कर रहा था पर उसके चेहरे पर एक जंग जीत लेने वाली मुस्कान थी। उसने अपनी प्रिंसेस को छू जो लिया था वहीं अमीषी को लगा कि ये सब अचानक से हुआ है तो वो कुछ नहीं बोली। बस थोड़ा और खिसककर और अच्छे से बैठ गई।
अमीषी ने एक नजर श्लोक को देखा जो मंद मंद मुस्कुरा रहा था और अपने जीभ अपने होंठों पर फिरा रहा था जैसे किसी चीज का स्वाद ले रहा हो। अमीषी समझ गई कि ये श्लोक ने जानबूझकर किया है। उसे बहुत गुस्सा आता है। वो श्लोक को मारने के लिए जैसे ही उठती है, इस बार ड्राइवर सचमुच ब्लोक के साइड से टर्न ले रहा था, जिससे अमीषी के अचानक खड़े होने से उसका बैलेंस बिगड़ता है और वो सीधा श्लोक की गोद में गिरती है और उसके इसी दौरान उसके होंठ श्लोक के गालों से टच हो जाते हैं। श्लोक को तो जैसे जन्नत मिल जाता है और वो झट से अमीषी के कमर को कसकर पकड़ लेता है और खुद से चिपका लेता है।
"आखिर मुझसे दूर रहा नहीं गया ना प्रिंसेस! आ ही गई मेरे पास!" शरारती मुस्कान लिए श्लोक बोला।
अमीषी को श्लोक की बात सुनकर बहुत गुस्सा आता है और वो अपने छोटे से हाथ की मुट्ठी बनाती है और पूरी ताकत लगाकर श्लोक के मुंह पर एक पंच जड़ देती है। पर इसका श्लोक पर कोई असर नहीं होता है, उसे तो अमीषी का मुक्का भी रूई जैसा फील हुआ था और वो इसी तरह मुस्कुराते हुए अमीषी को देखता रहता है। श्लोक की मुस्कान देख अमीषी चिढ़ जाती है।
"छोड़िए मुझे!" गुस्से में चिल्लाती हुई अमीषी बोली। गुस्से से उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था और फुले हुए गाल और फुल गए थे। इस वक्त अमीषी कुछ ज्यादा ही क्यूट लग रही थी।
"अं... अंहा। अपनी प्रिंसेस को ऐसे कैसे छोड़ दूं?" अमीषी को खुद से और चिपकाता हुआ श्लोक बोला। दोनों एक दूसरे के इतने करीब थे एक दूसरे की सांसों की गर्माहट भी अपने अपने चेहरे पर महसूस कर पा रहे थे।
"मैं ने कहा छोड़िए मुझे!" अमीषी फिर चिल्लाई और श्लोक के सीने पर अपने छोटे छोटे हाथ रखकर खुद को श्लोक से दूर करने की कोशिश करने लगी पर हर बार की तरह नाकाम रही। धीरे धीरे श्लोक के हाथ अमीषी की कमर पर हरकत कर रहे थे जिसे महसूस कर अमीषी के तन बदन में मानो करंट लग रहा था। उसकी सांसें तेज हो गई थी। श्लोक की करीबी, उसके सांसों की गर्माहट अमीषी को पिघलने पर मजबूर कर रही थी। श्लोक धीरे धीरे अपने होंठ अमीषी के होंठों की तरफ बढ़ा रहा था और अमीषी चाहकर भी श्लोक को रोक नहीं पा रही थी। दोनों की धड़कनें तेज थी।
इससे पहले कि श्लोक के होंठ अमीषी के होंठों को छू पाते ड्राइवर ने एक झटके से गाड़ी रोक दी और कहा "सर। हम पहुंच गए।"
ड्राइवर की बात सुनकर ग्लोक होश में आता है और उसकी पकड़ अमीषी पर ढीली हो जाती है जिसका फायदा उठाकर अमीषी झट से श्लोक की गोद से उतर जाती है। दोनों तरफ से एक एक बॉडीगार्ड दरवाजा खोलकर बड़े अदब से खड़ा हो जाता है। अमीषी जैसे ही बाहर की तरफ ध्यान देती है, बाहर इतनी भीड़ थी कि क्या कहने ? ढेर सारे बॉडीगाईस उनकी गाड़ी को चारों तरफ से कवर किए हुए थे फिर भी मीडिया वाले उन तक पहुंचने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे थे, बाकी पब्लिक की भीड़ थी सो अलग। बड़े बड़े सेलिब्रिटी, नेता, बिजनेसमैन सब आए हुए थे। चारों तरफ काफी शोरगुल हो रहा था। सब श्लोक की एक झलक पाने के लिए बेचैन थे। इतनी भीड़भाड़ और मीडिया अमीषी ने पहले कभी नहीं देखा था। इतने लोगों को सामने देख अमीषी एकदम से घबरा गई और गाड़ी से उतरने के लिए जो पैर आगे बढ़ाई थी उसे अंदर कर लिया। पर मीडिया ने ये देख लिया था कि श्लोक ओबेरॉय की गाड़ी में कोई लड़की है जिससे शोर शराबा और बढ़ गया। जिससे अमीषी एकदम से डर गई और गाड़ी में दुबक गई। उसकी सारी बोल्डनेस धरी की धरी रह गई। उसने श्लोक की तरफ देखा जो गाड़ी से उतर चुका था। अमीषी का मुंह बन गया। उसे लगा ब्लोक उसे साथ लेकर उतरेगा पर वो अकेला
ही उतर गया। अमीषी को लगा उसके बिहेवियर से श्लोक उससे गुस्सा हो गया है इसलिए उसे साथ नहीं लिया। अमीषी को बहुत बुरा लग रहा था और श्लोक पर बहुत गुस्सा भी आ रहा था। उसका खिला हुआ चेहरा उतर गया था। वो मन ही मन श्लोक को जाने कितनी गालियां दे रही थी।
तभी अचानक से अमीषी के साइड से एक हाथ अंदर आया और एक शख्स मुस्कुराता हुआ हुआ थोड़ा झुका। ये और कोई नहीं बल्कि श्लोक ही था।
"हे प्रिंसेस! कम!" मुस्कुराता हुआ श्लोक बोला।
"न... नहीं! यहां इतनी भीड़ क्यों है?" थोड़े घबराहट में अमीषी बोली।
"पूरी दुनिया श्लोक ओबेरॉय की प्रिंसेस को देखने के लिए इकट्ठी हुई है। चलो।" ब्लोक फिर बोला।
"मुझे डर लगता है।" धीरे से अमीषी बोली।
"मैं हूं ना! आओ! मेरे साथ आओ!" बड़े प्यार से श्लोक बोला तो अमीषी ने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ में रख दिया और धीरे से गाड़ी से उतरी।
अमीषी के नीचे उतरते ही शोर बहुत बढ़ गया। मीडिया वालों ने तस्वीरें लेने के लिए झरी लगा दी। सब अमीषी को देखकर हैरान थे कि इतनी खूबसूरत लड़की है कौन? सचमुच की कोई इंसान है या कोई कांच की गुड़िया है। किसी की कल्पना से भी ज्यादा सुंदर थी अमीषी। सब बस आंखें फाड़े अमीषी को देख रहे थे। कितने लड़के तो अमीषी को देखते ही अपना दिल हार गए और कितनी ही लड़कियां अमीषी को देखकर जल-भुन गई। पर फिर भी सभी श्लोक के साथ इस लड़की का क्या रिश्ता है ये जानने के लिए बेताब थे। आज श्लोक पहली बार अमीषी को साथ लेकर दुनिया के सामने आया था और अमीषी कहीं से भी शादीशुदा नहीं लग रही थी। ऊपर से अमीषी इतनी छोटी लग रही थी कि कोई ये सोच भी नहीं सकता था कि वो श्लोक की पत्नी हो सकती है। पर किसी में हिम्मत नहीं थी कि श्लोक से सवाल करे। आखिर अपनी जान सबको प्यारी थी।
इतने सारे फ्लैश लाइट, अटेंशन, भीड़ अमीषी ने पहली बार देखा था। उसे सबकी नजर अपने ऊपर महसूस हो रही थी जिससे अमीषी घबरा रही थी। उसे बनना तो सेलिब्रिटी था पर यहां आकर उसकी सारी हिम्मत जबाव दे रही थी। अमीषी ने अपनी पकड़ श्लोक के हाथों पर कस दी और दूसरे हाथ से श्लोक के बांह को पकड़ लिया और श्लोक से चिपक गई। उसके नाखून श्लोक की हाथों में चुभे। श्लोक समझ गया अमीषी डर रही है वहीं अपनी प्रिंसेस को अपने इतने करीब देख श्लोक अंदर ही अंदर मुस्कुरा उठा। श्लोक ने धीरे से अपने दूसरे हाथ से बांह पर पकड़े अमीषी के हाथों को सहलाया "रिलैक्स प्रिंसेस । मैं हूं ना।" श्लोक ने कहा और अपनी पलकें झपका दी। अमीषी को थोड़ी हिम्मत मिली।
अब अमीषी ने अपने आसपास ध्यान देना शुरू किया। ये जगह उसके घर से थोड़ी ही दूर पर था। अपने रॉयल्टी के लिए मशहूर ऑबेरॉय कंपनी की ये ब्रांच भी किसी बड़े महल से थी। पूरे नारायणपुर में ये पहला इतना शानदार ऑफिस खुला था। आसपास का इलाका देखकर लग ही नहीं रहा था कि ये नारायणपुर ही है। पूरे ऑफिस को किसी दुल्हन की तरह सजाया गया था। किसी बड़ी सी पार्टी को ध्यान में रखकर सारे अरेंजमेंट किए गए थे। बड़े बड़े सेलिब्रिटी, नेता और बिजनेसमैन आए हुए थे। ऐसा लग रहा था जैसे पूरे दुनिया की मीडिया यहीं इक्ट्ठी हो गई है। और पूरे नारायणपुर के लोग भी यहां इक्ट्ठे हो गए थे। नारायणपुर जैसे छोटे शहर में इतना बड़ा आयोजन पहली बार जो हो रहा था। सब उत्सुकता से सबकुछ देख रहे थे। इसके साथ ही अमीषी फूलों की चादर पर चल रही थी। दोनों तरफ से बॉडीगार्ड्स की लाइन लगी हुई थी जिसके बीच में ग्लोक और अमीषी चल रहे थे। अमीषी अभी कुछ ही आगे चली थी कि उस पर फूलों की बारिश शुरू हो गई। इससे अमीषी के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई। श्लोक तो एकटक अमीषी का चेहरा ही देख रहा था। अपनी प्रिंसेस को खुश देख उसे दुनिया भर का सुकून मिल रहा था। चारों तरफ से मीडिया वाले उन दोनों की तस्वीरें लेने में लगे थे। हो भी क्यों ना? आखिर श्लोक ईद के चांद की तरह कभी कभी मीडिया के सामने आता है और आज तो एक लड़की के साथ आया है। अमीषी को अभी सचमुच ये फीलिंग आ रही थी कि वो कहीं की प्रिंसेस है।
हालांकि ओबेरॉय कंपनी की इतनी ब्रांचेज है जिसकी कोई गिनती भी नहीं है। और ब्लोक अपने किसी ब्रांच की इनोग्रेशन (उद्घाटन) में नहीं जाता था। ये काम या तो कुणाल देखता नहीं तो कंपनी के दूसरे बड़े पोस्ट के कर्मचारी। आज श्लोक यहां खुद आया था वो भी अपनी प्रिंसेस के साथ मतलब कुछ खास बात तो अवश्य थी।
श्लोक अमीषी का हाथ पकड़कर धीरे धीरे फूलों की चादर पर चलता हुआ ऑफिस के दरवाजे पर पहुंचा। जहां पूरी ओबेरॉय फैमिली (सिवाय अमृता के, वो दुनिया के सामने नहीं आती है) और गर्ग फैमिली इन दोनों का इंतजार कर रही थी। साथ ही रूही और उसकी फैमिली भी वहां मौजूद थी। हो भी क्यों ना? आखिर उस ब्रांच का हेड सुमित उनका दामाद जो बनने वाला था। दोनों को साथ देख सबके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई। सबको लगा उन दोनों के बीच सब ठीक हो गया है। लड़कियां तो श्लोक का स्वैग देख आहें भर रही थी। श्लोक की लंबी चौड़ी पर्सनैलिटी सबको आकर्षित कर रही थी। वहीं लड़के लगातार अमीषी को देखे जा रहे थे।
ऑफिस गेट पर एक खूबसूरत सा लाल रंग का रिबन बंधा हुआ था। बगल में एक लड़की एक खूबसूरत से प्लेट में कैंची लेकर खड़ी थी। श्लोक ने कैंची लेकर अमीषी के हाथ में पकड़ाया और दोनों ने एक साथ मिलकर रीबन काटा। अब श्लोक अमीषी के हाथ में अकेले तो कैंची दे नहीं सकता था क्योंकि उसके हिसाब से अमीषी अगर कैंची चलाएगी तो हाथ काट लेगी। रीबन काटते ही तालियों की अवाजे गुज उठी
दोस्तों प्लीज फॉलो कीजिये प्लीज
❤❤❤❤🙏🙏🙏
Thanku
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